Left JDU : बिहार CM नीतीश से तकरार, RCP Singh ने JDU छोड़ी

कहा 'आपको मुझसे नाराजगी है, तो मुझसे निपटें, बच्चों को न घसीटें'

692

Patna : बिहार के बड़े नेता आरसीपी सिंह (Ramchandra Pratap Singh) ने जनता दल-यू (JDU) छोड़ दी। शनिवार को पार्टी ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और उन्हें नोटिस भेजकर जवाब भी मांगा गया था। अपने गांव मुस्तफापुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरसीपी सिंह ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की और नई पार्टी बनाने का ऐलान किया। उन्होंने JDU को डूबता जहाज कहा।
उन्होंने कहा कि मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। मेरे नाम कोई भी जमीन नहीं है। मुझ पर जो भी आरोप लगाए गए, वे सभी निराधार हैं। JDU की ईर्ष्या का कोई इलाज नहीं है। मैं इन हालातों में उनके साथ आगे नहीं बढ़ सकता। JDU से इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह ने कहा कि जब भी मेरी पार्टी के कार्यकर्ता या उनके परिवार के सदस्य किसी परेशानी में रहे हैं, मैंने उनकी मदद की पेशकश की है। अगर आपको मुझसे नाराजगी है, तो मुझसे निपटें बच्चों को इसमें क्यों घसीटें!
इससे पहले जदयू ने उन पर आरोप लगाया कि राज्यसभा सांसद और फिर केंद्रीय मंत्री रहते हुए आरसीपी सिंह ने अकूत अचल संपत्ति बनाई है। वह भी गलत तरीके से। राज्यसभा की सदस्यता खत्म होने पर पिछले महीने ही आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। एक बात यह भी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह में पिछले कुछ समय से काफी खटास बढ़ गई थी। यही कारण है कि मंत्री पद जाते ही खुद की पार्टी से इतने बड़े आरोप लगने पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं। कहा जाने लगा था कि जेडीयू में कुछ लोग हैं, जो आरसीपी सिंह की राजनीति खत्म करना चाहते हैं।
RCP Singh ने कहा कि क्या मेरे नाम पर कोई संपत्ति है? 2010 से हमारी बेटियां रिटर्न दाखिल कर रही हैं। हमारी बेटियां आश्रित नहीं हैं, वे स्वतंत्र हैं। आरसीपी सिंह से जब पूछा गया कि क्या बिहार के CM नीतीश कुमार पीएम बनना चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सात जन्मों में प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, इस जीवन में अकेले रहने दें।
उन्होंने कहा कि आपने पार्टी में जांच एजेंसी बना रखी है क्या? नोटिस में लिखा है पूर्व केंद्रीय मंत्री पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लिखने में शर्म आ रही है? मेरे पास जो भी संपत्ति है वो पेंशन से है। मैनें कभी कुछ नहीं खरीदा। उन्होंने कहा कि आरोप उन लोगों द्वारा एक साजिश है जिन्होंने मुझे केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने से ईर्ष्या की थी। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि कांच के घरों में रहने वालों को दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। मैं पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ रहा हूं।

राजनीतिक बदला लिया
आरसीपी सिंह की बेटियों को इस बार घसीटा गया। अगर सिंह की बेटियों ने जमीन खरीद-बिक्री की है तो पार्टी कैसे जांच करेगी। उन्होंने जो भी किया वो सार्वजनिक है, इसके बावजूद पत्र में दोनों बेटियों को घसीटा गया। यह नीतीश कुमार के कट्टर समर्थकों को भी नहीं पच रहा। उनके अनुसार नीतीश कुमार जब बदला लेने पर उतर जाते हैं तो उस समय उनको राजनीतिक मर्यादा का भी ख्याल नहीं रहता। इस बार भी कमोबेश नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के इशारे पर वही सब कुछ किया!

नीतीश पर पहले भी आरोप लगे
आरोप है कि CM नीतीश कुमार ने आपसी लड़ाई में अपने विरोधियों के बच्चों और परिवार को पहले भी घसीटा है! बिहार में महागठबंधन की सरकार के दौरान लालू यादव के दबाव की वजह से नीतीश कुमार परेशान थे। उन्होंने भाजपा से दोस्ती का हाथ भी बढ़ाया था। उस समय एक जमीन घोटाला सामने आया, इसमें नीतीश कुमार के इशारे पर CBI की FIR में आरोपी के तौर पर तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम डाला गया! जबकि, तत्कालीन CBI निदेशक और उनकी कानूनी सलाहकार ने इस पर सहमति नहीं दी थी। इसके साथ ही इसका लिखित रूप में इसका विरोध भी किया था। लेकिन, सब नीतीश कुमार के इशारे पर हुआ. उस मामले को पांच साल हो गए, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं आया।