भोपाल:स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की बंदियों को मिलने वाली सजा में छूट और उन्हें जेल से रिहा करने के साथ ही प्रदेश में गांधी जयंती दो अक्टूबर और डॉ. भीमराव अम्बेडर की जयंती पर भी बंदियों को रिहाई मिल सकती है। इस संबंध में जेल मुख्यालय में प्रस्ताव तैयार हो रहा है। प्रस्ताव यहां के अफसरों के पास तैयार होकर पहुंच गए हैं। जल्द ही इसे मंजूरी के लिए शासन के पास भेजा जा सकता है।
प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर हर वर्ष ऐसे बंदियों की रिहाई की जाती है, जो आजीवन कारावास की सजा भुगत चुके होते हैं और जिनकी सजा लगभग 14 साल ही हो जाती है। ऐसे बंदियों को उनके आचरण आदि को देख कर राज्य शासन बाकी की सजा में छूट देकर उन्हें जेल से रिहा करता है। अब ऐसा ही प्लान दो अक्टूबर महात्मा गांधी और 14 अप्रैल डॉ. भीम राव अम्बेडर की जयंती पर भी करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार हो रहा है। प्रस्ताव का अध्ययन जेल मुख्यालय के आला अफसर कर रहे हैं। प्रस्ताव के तैयार होते ही इसे शासन को भेजा जाएगा। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो साल में चार बार बंदियों को सजा में छूट देते हुए उनकी जेल से रिहाई हो सकती है।
15 अगस्त पर 251 बंदियों की होगी रिहाई
इस बार प्रदेश में 251 बंदियों की रिहाई होगी। यह सभी हत्या के मामलों में सजा भुगत रहे थे। इन सबकी सजा कम से कम 14 साल की पूरी हो चुकी है। इसके बाद इनके आचरण और काम काज को देखते हुए जेल मुख्यालय ने शासन को इनकी डिटेल्स भेजी है। जिसे मंजूरी मिल गई है। इसमें 248 पुरुष बंदी हैं और तीन महिला बंदी हैं। इन सभी को 15 अगस्त पर रिहा किया जाएगा।