दस हजार की नौकरी करने वाला बांटता है करोड़ों की रिश्वत

680

 

*दस हजार की नौकरी करने वाला बांटता है करोड़ों की रिश्वत*

हेडिंग देखकर चौंकिए मत…यह मप्र का कड़वा सच है। जल संसाधन विभाग की एक महिला कर्मचारी का बेटा भोपाल नगर निगम द्वारा संचालित बस सर्विस यानि बीएलसीसी में 10 हजार रुपए महीने की नौकरी करता था। अचानक मप्र के एक अति ईमानदार छवि वाले आईएएस की नजर इस युवक पर पड़ गई। रातोंरात इस युवा की कंस्ट्रक्शन फर्म बनवाई गई। जल संसाधन विभाग के ईमानदार अधिकारी इसी युवक के जरिये रिश्वत लेने को राजी होने लगे। विभाग के बड़े ठेकेदार काम सबलेट के नाम पर इस युवक की फर्म को करोड़ों रुपए भेजते रहे और यह युवक इस राशि को नगद में बदलकर अफसरों को रिश्वत बांटता रहा। मजेदार बात यह है कि प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) ने ई टेंडर घोटाले में एक बड़े ठेकेदार के साथ इस युवक को गिरफ्तार किया तो स्वयं ईडी ने बयान जारी कर कहा कि मप्र के वरिष्ठ अधिकारी इस युवक के जरिए रिश्वत लेते हैं। खास बात यह है कि आश्चर्यजनक ढंग से ईडी की जांच दो वर्ष से ठहर सी गई है। पता नहीं क्यों सब कुछ जानकर भी ईडी ने उन अफसरों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?

*पंकजा मुंडे का सिफारिशी पत्र फाइलों में दफन*

पंकजा मुंडे भाजपा की बड़ी नेत्री ही नहीं, मप्र की सह प्रभारी भी हैं। लेकिन वे चाहकर भी मप्र में अपने एक चहेते डीएसपी को मनमाफिक पोस्टिंग नहीं दिला पा रही हैं। अब तो उनके सिफारिशी पत्र को गृह विभाग की फाइलों में दफन कर दिया गया है। पंकजा मुंडे ने पिछले वर्ष 29 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर शाजापुर में पदस्थ डीएसपी (एजेके) कृष्णकांत शर्मा को मंदसौर जिले के गरोठ या नीमच जिले के जावद में एसडीओपी बनाने का आग्रह किया था। उनके पत्र को गंभीरता से लिखा गया।

images 11

बकायदा फाइल बनी। यह फाइल इस वर्ष मार्च तक अफसरों की टेबल पर दौड़ती रही। मार्च के बाद अचानक इस सिफारिशी पत्र को फाइलों में दफन कर दिया गया है। मजेदार बात यह है कि शाजापुर में एजेके में तैनात शर्मा जी ने स्वयं भी गृह विभाग को पत्र लिखकर पंकजा जी की सिफारिश की याद दिलाई, लेकिन सरकार ने उन्हें भी अनसुना कर दिया है।

*मंत्री पद का दर्जा, वेतन चपरासी से कम!*

मप्र में इस समय दो दर्जन से अधिक निगम अध्यक्ष नियुक्त किये गये हैं। इन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया है, लेकिन इनका वेतन इनके घर तैनात दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी से भी कम है। अधिकांश निगम अध्यक्षों को मात्र 13 से 15 हजार रुपए वेतन मिल रहा है। यदि भोपाल में सरकारी बंगला नहीं है तो 20 हजार रुपए आवास भत्ते के लिए फिक्स किये गये हैं। यानि निगम अध्यक्षों को हर माह मात्र 33 से 35 हजार रुपए महीने मिल रहे हैं। इनसे ज्यादा वेतन भत्ते निगम के चपरासी को मिल रहे हैं। पिछले दिनों इस मुद्दे पर निगम अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। सीएम ने इसे तत्काल 50 हजार रुपए वेतन व 20 हजार आवास भत्ता करने के निर्देश दिए, लेकिन अभी तक इस संबंध में आदेश जारी नहीं हुए हैं।

*बागेश्वर महाराज के खिलाफ नया मोर्चा!*

मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस सप्ताह बागेश्वर महाराज और पंडोखर महाराज को गले मिलवा दिया। इसके पहले पंडोखर महाराज खुलेआम बागेश्वर महाराज के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। दोनों महाराज की दोस्ती होते ही अब बागेश्वर महाराज के खिलाफ एक यूट्यूबर प्रशांत बौद्ध ने मोर्चा खोल दिया है। प्रशांत बौद्ध नये नये वीडियो बनाकर बागेश्वर महाराज का मजाक उड़ा रहे हैं। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को ढोंगी बताने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।

images 1 1660638105485

यह तय है कि मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा आजतक बागेश्वर महाराज के खास भक्तों में शुमार हो गए हैं। इसी को ध्यान में रखकर प्रशांत बौद्ध के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर ली गई है। दमोह पुलिस को आवेदन सौंपा गया है। इसकी भनक लगते ही प्रशांत बौद्ध पहले से ज्यादा आक्रामक हो गए हैं। उन्होंने अपनी मुहिम के समर्थकों से आर्थिक सहयोग मांगना शुरु कर दिया है। प्रशांत ने फेसबुक और यूट्यूब पर वीडियो पोस्ट कर घोषणा कर दी है कि वह बाबा के अंध विश्वास के खिलाफ पूरी ताकत से लडेंगे।

*सबसे अमीर नगर पालिका अध्यक्ष!*

टीकमगढ़ में कांग्रेस के टिकट पर पार्षद चुने गये अब्दुल गफ्फार उर्फ पप्पू मलिक पूरे मप्र के सबसे अमीर पार्षद व अब सबसे अमीर नगर पालिका अध्यक्ष बन गये हैं। उन्होंने अपनी सम्पत्ति 70 करोड़ रूपये घोषित की है। अनुमान है कि उनके पास इससे ज्यादा सम्पत्ति हो सकती है। मूलत: टीकमगढ़ के रहने वाले पप्पू मलिक व्यवसाय के सिलसिले में नागपुर चले गये थे, जहां उन्होंने सुपारी का कारोबार किया। फिर वे चेन्नई होते हुए भोपाल में बस गये। अपनी जन्मभूमि का ऋण उतारने उन्होंने टीकमगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष बनने का सपना देखा। यह संयोग है कि वे 22 वर्ष बाद 2022 में घर वापस लौटे। कांग्रेस के टिकट पर वार्ड 22 से चुनाव लड़े और पार्षद बने। अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा पार्षदों में सेंध लगाने का काम पप्पू ही कर सकते थे और यह सच साबित हुआ। भाजपा पार्षदों ने पप्पू के पक्ष में क्रास वोटिंग कर उन्हें अध्यक्ष बना दिया है। यह भी अजीब संयोग है टीकमगढ़ में 22 वर्ष बाद कांग्रेस की परिषद बनी है। टीकमगढ़ में एक बात सभी कह रहे हैं कि अब नगर पालिका में भ्रष्टाचार नहीं होगा। फिलहाल तो पप्पू भाई मंदिर मस्जिद सभी धार्मिक स्थलों और सभी समाजों का आशीर्वाद लेने निकले हुए हैं।

*मप्र के डीएसपी ने पत्रकार रवीश कुमार को सुनाई खरी खोटी*

मप्र के होशंगाबाद जिले के सोहागपुर के एसडीओपी चौधरी मदन मोहन समर ने एक सप्ताह देश के चर्चित पत्रकार रवीश कुमार को जमकर खरी खोटी सुनाई। समर साहब संवेदनशील पुलिस अफसर के साथ साथ देश के वीर रस के बड़े कवियों में भी शुमार हैं। रवीश कुमार ने वीर रस के कवि विनीत चौहान की एक कविता का मजाक उड़ाया था। चौहान ने कविता में चीन के शंघाई में तिरंगा फहराने की बात की थी। रवीश कुमार ने मजाक उड़ाते हुए लिखा कि शंघाई में तिरंगा फहराने इस कवि को साथ ले जाना। यह बात मदन मोहन समर को पसंद नहीं आई। उन्होंने रवीश कुमार को सोशल मीडिया के जरिए एक तीखा पत्र लिखकर कहा कि सिर्फ राजनीति के किरदार मत बनो कवि के राष्ट्र प्रेम के भाव को समझो।

images 1660638332679

समर ने रवीश को चुनौती दी कि यदि उनका चैनल शंघाई में तिरंगा फहराने चले तो हम कवि साथ चलने तैयार हैं। समर ने दावा किया कि बेशक आज शंघाई, इस्लामाबाद और ढाका की सीमाओं पर तिरंगा है। लेकिन एक दिन तिरंगा इनके अंदर भी फिरेगा, जैसे 1965 में लाहौर के बर्की थाने पर हमारे जवानों ने फहराया था।

*और अंत में…!*

मप्र भारतीय जनता पार्टी में संगठन स्तर पर क्षेत्रीय महामंत्री की नियुक्ति की गई है। इस सप्ताह क्षेत्रीय महामंत्री भोपाल पहुंचे तो सहज रूप से कुछ भाजपा नेताओं के बंगलों पर भी पहुंचे। महामंत्री की खूब आवभगत हुई। लेकिन महामंत्री की नजर भाजपा नेताओं के विशाल आलीशान बंगलों और उनके अंदर की चकाचौंध पर थी। महामंत्री ने प्रदेश कार्यालय लौटकर कुछ पार्टी के पदाधिकारियों से पूछा कि मप्र में राज्य सरकार बंगलों के साथ इतने मंहगे सोफे व फर्नीचर भी देती है या इन्हें नेता खुद खरीदते हैं? पदाधिकारियों ने बताया कि यह नेता के प्रभाव और कद पर निर्भर है। बहरहाल महामंत्री जी मप्र भाजपा नेताओं की लाइव स्टाइल देखकर भौचक जरूर हैं।