भोपाल: राज्य सरकार प्रदेश में पीपीपी मोड पर मेडिकल कालेज खोलने के लिए निजी निवेशकों को भूमि लीज पर उपलब्ध कराएगी। इसके लिए आगे आने वाले निजी निवेशकों को 99 वर्ष (60 वर्ष + 39 वर्ष) की लीज पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त निजी निवेशक को 300 बिस्तरीय अस्पताल भवन भी राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इसकी शुरुआत भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बालाघाट एवं कटनी में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज शुरू कर की जाएगी।
पीपीपी मोड पर बनाए जाने वाले मेडिकल कालेज के निर्माण को लेकर सरकार ने तय किया है कि जो जमीन उपलब्ध कराई जाएगी, उस पर निजी निवेशक द्वारा स्वयं के व्यय से मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाएगा। उसका संचालन एवं संधारण उसी के द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना डीबीएफओटी (डिजाइन, बिल्ट, फाइनेंस, आॅपरेट एंड ट्रांसफर) मॉडल पर पीपीपी पार्टनर द्वारा की जाएगी। इसके अंतर्गत निजी निवेशक को मेडिकल कॉलेज, हॉस्टल, रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स, उपकरण, बुक्स एवं जर्नल्स आदि का व्यय वहन करना होगा। ऐसे अस्पतालों में सरकार आयुष्मान मरीजों के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को भी नि:शुल्क उपचार दिलाएगी वहीं गैर आयुष्मान मरीजों को बाजार दर पर उपचार की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। गौरतलब है कि भारत सरकार की पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना नीति अनुसार राज्य सरकार के वर्तमान में संचालित मेडिकल कॉलेज को ट्रेनिंग हॉस्पिटल के रूप में परिवर्तित कर 100 एमबीबीएस सीट के प्रवेश के लिए पीपीपी आधारित मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी।