चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म कर गर्भवती करने वाले भाई को 20 वर्ष की कड़ी सजा

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रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

न्यायालय योगेन्द्र कुमार त्यागी विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट द्वारा अभियुक्त प्रवीण पिता अमृतलाल उम्र 22 साल निवासी ग्राम खराखेडी को चचेरी बहन से दुष्कर्म करने और गर्भ ठहराने के आरोप में धारा 376(3) भादवि में 20 वर्ष की कड़ी सजा एवं धारा 5 (j-ii) / 6 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष के कड़ी सजा एवं 1 हजार रुपए अर्थदंड,धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट मे 07 वर्ष कठोर कारावास एवं 1 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।

मामले में पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक श्रीमती गौतम परमार ने बताया कि घटना 15.अक्टोबर.2018 के 4 माह पश्चात 17. फरवरी. 2019 पीड़िता (15 साल 6 माह 8 दिन) ने एक काल्पनिक नाम गोपाल बताकर उसके द्वारा अपने साथ बलात्कार करना एवं गर्भवती होने की रिपोर्ट पुलिस थाना स्टेशन रोड पर लेखबद्ध कराई थी,किन्तु पुलिस को काल्पनिक आरोपी गोपाल का पता नहीं मिलने से और पीड़िता के बार-बार कथन बदलने पर पुलिस द्वारा शंका के आधार पर पीड़िता से पुनः पूछताछ की गई।

जिस पर उसने बताया कि पिछले साल गेंहू चने काटने के समय मेरे बड़े पापा का लडका अभियुक्त प्रवीण भाभर ग्राम खाराखेडी ने मुझसे कहा कि मुझे तुझसे बात करना है,तो मैंने उससे बात की तो उसने मुझे कहा कि मैं तुझे पसंद करता हुं।मैंने कहा कि तुं मेरा भाई लगता हैं तो अभियुक्त प्रवीण ने कहा कि कोई बात नहीं फिर उसने मुझे मेरे घर के पीछे खाल में बुलाया तो मैं उसी दिन शाम को जब खाल पर गई तो उसने मेरे साथ मेरी इच्छा के विरूद्ध बलात्कार किया।मैंने उसे मना किया तो प्रवीण नहीं माना उसके बाद अभियुक्त प्रवीण ने मेरे साथ उसी खाल में अलग-अलग दिन कई बार मेरे साथ दुष्कर्म (बलात्कार) किया।फिर मेरी तबियत खराब रहने लगी।मेरे पेट में तेज दर्द होने पर मेरे माता-पिता मुझे अस्पताल लेकर आए थे।जहां डॉक्टर ने मुझे 5-6 माह का गर्भ ठहरा होना बताया था।जिससे मेरे गर्भपात हुआ।गर्भपात से एक मरी हुई बच्ची पैदा हुई।मैंने डर व बदनामी के कारण थाने पर रिपोर्ट करते समय गलत नाम बता दिया था।किन्तु आज अपने माता-पिता व फुफाजी को पुरी बात बताई और माता-पिता व फुफाजी के साथ थाने पर पहुंची।

सूचना पर थाना स्टेशन रोड द्वारा जांच करने पर अपराध क्रमांक 116/2019 धारा 376(2)(एन) भादवि एवं 5एल/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अंतर्गत अभियुक्त प्रवीण के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विवेचना के दौरान अभियुक्त प्रवीण को 14.जनवरी.2020 गिरफ्तार किया गया तथा पीड़िता के मृत बच्चे से आरोपी प्रवीण का डीएनए मैच कराया गया। विवेचना के उपरांत अभियोग पत्र धारा 376(2)(एन) भादवि एवं 5एल/6 लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम,2012 के अंतर्गत अभियुक्त प्रवीण के विरूद्ध विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट में पेश किया गया।

न्यायालय द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध धारा 376(3) भादवि व 3/4 एवं 5(j-ii)/6 लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के आरोप विरचित किए गए हैं।

प्रकरण में पीड़िता द्वारा अभियोजन कहानी का समर्थन नहीं किया गया हैं।किन्तु विचारण उपरांत विशेष न्यायालय द्वारा अभियोजन की और से प्रस्तुत दस्तावेजी,मौखिक साक्ष्य एवं आरोपी की डीएनए रिपोर्ट सकारात्मक होने के आधार पर अभियोजन का मामला प्रमाणित मानते हुए अभियुक्त प्रवीण पर लगे आरोप से दोष मुक्त किया गया हैं।उक्त प्रकरण में शासन की और से पैरवी श्रीमती गौतम परमार विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई।