Indore : पुलिस ने पे-टीएम कंपनी के अधिकारी बनकर अब तक अनेक लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने के मामले में दो शातिर जालसाजों को गिरफ्त में लिया है। आरोपी रेकी कर बिना सीसीटीवी कैमरे की पे-टीएम सेलर खाता धारक की दुकानों को टारगेट बनाते थे। ये दोनो शातिर आरोपी द्वारा लोगों की दुकान पर जाकर उन्हें पे-टीएम वॉलेट को अपडेट कराने के बहाने, उनसे मोबाइल प्राप्त कर लोगों के नाम पर ऑनलाइन अमाउंट की राशि अपने परिजनों के अकाउंट में ट्रांसफर कर फरार हो जाते थे। शातिर आरोपी आवेदकों के मोबाइल से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के बाद ट्रांजेक्शन हिस्ट्री एवं बैंक के मैसेज को भी कर देते थे डिलीट, ताकि फरियादी द्वारा चेक करने पर पता न चले। आरोपियों के द्वारा मानपुर, हातोद, शिप्रा सहित धार, पीथमपुर, झाबुआ, राजगढ़ आदि जगहों पर अधिकारी बनकर कई धोखाधडी की वारदात करना किया स्वीकार किया है।
क्राइम ब्रांच पुलिस ने बताया कि साइबर हेल्पलाइन पर तीन आवेदको ने शिकायत की थी की। इनमें फरियादी राजेंद्र सिंह निवासी इंदौर जो बेकरी का काम करते है। आवेदक के नाम पर बिना सहमति एवं जानकारी के ऑनलाइन 30 हजार रुपए का लोन लिया। उसकी राशि भी आवेदक को प्राप्त नहीं हुई और जब कंपनी से लोन की किस्त के लिए कॉल आया तब आवेदकों को पता चला कि उनके मोबाइल का दुरुपयोग कर किसी ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। दूसरे आवेदक विनोद जिसकी मानपुर में फुटवियर की शॉप है के साथ आवेदक नाम पर बिना सहमति एवं जानकारी के ऑनलाइन 90 हजार रुपए का लोन लिया गया व उसकी राशि की भी उन्हें प्राप्त नहीं हुई। अज्ञात व्यक्ति द्वारा धोखाधड़ी की गई।
एक अन्य आवेदक विजय जिनकी ग्राम डकाच्या में मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक की शॉप है के साथ भी पे-टीएम अधिकारी द्वारा अपडेट एवं सुधार करने के नाम से आवेदक का मोबाइल लेकर 60 हजार रुपए ट्रांसफर कर उसके साथ धोखाधड़ी की है।
इन शिकायतों पर सायबर हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायत पर क्राइम ब्रांच इंदौर की फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीम द्वारा जांच कर कार्यवाही करते ज्ञात हुआ कि दोनो आरोपी शिवम शर्मा पिता राकेश निवासी आजाद नगर, इंदौर एवं संतोष मालवीय पिता प्रहलाद निवासी मालवीय नगर ने आवेदक राजेंद्र एवं विजय के पे-टीएम वॉलेट अकाउंट की अपडेट करने का झूठ बोलकर आवेदकों के मोबाइल एवं आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि डॉक्यूमेंट लेकर आवेदक के मोबाइल से वॉलेट से ऑनलाइन पोस्टपेड की राशि प्राप्त कर ठगी की गई! आवेदक के साथ दोनों आरोपियों ने मोबाइल लेकर अकाउंट की राशि को अपने परिजन मित्रों के बैंक खाते में ट्रांसफर करने के बाद आवेदकों के मोबाइल से बैंक मैसेज भी डिलीट कर दिए, ताकि पैसे कटने की जानकारी आवेदक को पता न चले और ठगी की गई जिस पर आवेदक फरियादी राजेंद्र के द्वारा थाना आजाद नगर पर अपराध धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कराया गया।