एमपी में सड़क,भवन, पुल-पुलिया बनाने अब टेंडर होंगे प्रोग्रेसिव और मार्डन

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आदिवासियों को साधने के लिए सरकार

भोपाल: मध्यप्रदेश में सड़क, भवन और पुल-पुलिया  निर्माण गुणवत्तापूर्ण हो और काम समय पर पूरा सके इसके लिए राज्य सरकार टेंडर शर्तो में महत्वपूर्ण बदलाव करने की तैयारी में है। इन्हें और अधिक प्रोग्रेसिव और मार्डन बनाया जाएगा।

राज्य सरकार प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के अधीनस्थ होंने वाले कामों के लिए  निविदा शर्तो में सुधार करने की तैयारी में है। निविदा शर्तो को और अधिक आकर्षक बनाया जा रहा है। इसमें जो महत्वपूर्ण बदलाव होंने जा रहा है उसके तहत एक करोड़ से अधिक के सभी कामों पर मूल्यवृद्धि का सिद्धांत लागू होगा। काम शुरु होंने के बाद बड़े कामों में आने वाले खर्च बढ़ने, सामग्री की लागत बढ़ने पर निविदा मूल्य में भी वृद्धि की जा सकेगी। अनुबंध के दौरान ठेकेदार द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न टैक्स की दरों में परिवर्तन होता है तो उससे टेंडर लेने वालों को सुरक्षा दी जाएगी। इससे उन्हें राहत मिलेगी। इससे करों के कारण निर्माण लागत बढ़ने की दिक्कत नहीं आएगी।

अब प्रदेश में सरकारी स्तर पर होंने वाले भवन निर्माण में आंशिक भवन कार्य पूर्ण होंने पर ही सरकार टेक ओवर कर लेगी। अभी तक काम पूरा होंने के बाद ठेकेदारों द्वारा कार्यपूर्णता प्रमाणपत्र लगाए जाने के बाद उन्हें टेंडर शर्तो को पूरा करने के निरीक्षण और सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भुगतान होता है।


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मिलेगा पांच प्रतिशत मोबलाइजेशन अग्रिम-
परफारमेंस गारंटी और टेंडर के लिए ठेकेदारों को भारी-भरकम राशि जमा करना होता है। ऐसे में काम शुरु करने के लिए भी उन्हें पहले राशि लगाना पड़ता है। ऐसे में ठेकेदारों के पास फंड की दिक्कत आती है। इसलिए अब टेंडर मेंं यह प्रावधान किया जा  रहा है कि अब काम शुरु करने के लिए पहले से ही ठेका लागत का पांच प्रतिशत राशि मोबलाइजेशन अग्रिम के रुप में मिल सकेगी।

कम दरों पर ठेका लिया तो देना होगा अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी-
किसी भी काम का ठेका लेने के लिए ठेकेदार को बैंक गारंटी के रुप में कुल ठेका लागत का पांच प्रतिशत परफारमेंस गारंटी की राशि जमा करना पड़ता है। अब ठेका मूल्य से दस प्रतिशत कम टेंडर दर आती है तो अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी देना होगा। ताकि नुकसान होंने पर ठेकेदार काम बीच में नहीं छोड़कर जा सके।

तीन फीसदी काम पूरा तो वापस होगी परफारमेंस गारंटी

ठेकेदारों की काफी बड़ी रकम परफारमेंस गारंटी में उलझी रहती है। इसके  लिए अब यह बदलाव किया जा रहा है कि यदि ठेकेदार ने तीन प्रतिशत काम पूरा कर दिया है तो उसे परफारमेंस गारंटी की राशि वापस की जा सकेगी।