भोपाल: जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट की अध्यक्षता में आयोजित काम-काज समिति की बैठक में मत्स्य महासंघ के कर्मचारियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ मछुआ कल्याण तथा मछुआ समाज के बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए विभाग द्वारा दी जाने वाली 10 लाख रूपए की राशि को 25 लाख दिया गया हैं।
मंत्री श्री सिलावट ने निर्देश दिए की छात्र और छात्राओं को कोचिंग संस्थाओं में पढ़ाई के लिए भी सुविधा और अनुदान दिया जाए उसके लिए आगामी काम काज समिति में प्रस्ताव लाया जाए।
मंत्रालय में जल संसाधन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट के अध्यक्षता में मत्स्य महासंघ काम-काज समिति की 106वीं बैठक संपन्न हुई। बैठक में विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव , संचालक मत्स्योद्योग श्री भारत सिंह , मत्स्य महासंघ के प्रबंध संचालक श्री पुरुषोत्तम धीमान सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की।
प्रमुख सचिव श्री कल्पना श्रीवास्तव ने बताया की मछुआ समाज के बच्चे जिनकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई है उनको भी कौशल विकास प्रशिक्षण से जोड़कर रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए भी कार्योजना बनाई जा रही है।
श्री सिलावट ने कहा कि राज्य सरकार के अन्य कर्मचारियों की तरह ही मत्स्य महासंघ के कर्मचारियों को भी महंगाई भत्ता देंगे।
मछुआ समाज के लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए विशेष अनुदान और प्रोत्साहन राशि देने के लिए विशेष कैंप लगाए जाने का भी निर्णय लिए गया है। जिससे मछुआ समाज के सर्वांगीण और समुचित विकास के लिए शासन की अन्य योजना का लाभ भी दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’। ऐसा कहते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री व किसान पुत्र श्री शिवराज सिंह चौहान मछुआ समाज के कल्याण और विकास के लिए पूरी तरह तत्पर हैं और मछुआ समाज को आगे ले जाना चाहते हैं। ऐसे में मछुआ समाज का कल्याण निश्चित रूप से होना चाहिए और जमीन पर उसकी वास्तविकता भी दिखना चाहिए।
मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री श्री सिलावट ने मत्स्य महासंघ और विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष का राशि का पूरा उपयोग नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की और सख्त निर्देश दिए की बजट में आवंटित राशि का पूरा उपयोग किया जाये।
मंत्री श्री सिलावट ने मत्स्य उत्पादन के वर्ष 22 – 23 के लक्ष्य को बढ़ाने के निर्देश भी दिए है और लगातार इसका उत्पादन बढ़ाया जाए ।
बजट की पूरी राशि खर्च नहीं करने पर प्रबंध संचालक मत्स्य संघ पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि योजनाओं को सफल बनाने के लिए अच्छी रणनीति बनाएं और लक्ष्य प्राप्ति के लिए कार्य योजना बनाकर उन्हें जल्द अवगत कराएं।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य बजट की पूरी राशि खर्च करने के अलावा अतिरिक्त राशि आवंटित कराकर विकास कार्य किए जाने क चाहिए। हमें लक्ष्य से आगे बढ़ कर कार्य करना है और मछली उत्पादन में प्रदेश को देश में पहले स्थान पर ले जाना है।
श्री सिलावट ने मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए गुजरात, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पं. बंगाल सहित विभिन्न राज्यों के एक्सपर्ट्स और मछली उत्पादन से जुड़े लोगों के साथ बैठक कर रणनीति बनाने के बात कही। मीठे पानी में ज्यादा मछली पालन करने वाले राज्यो के एक्सपर्ट और निजी संस्थाओं से भी संपर्क कर कार्योजना में सम्मलित करने के निर्देश भी दिए है।