भोपाल
विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस बाढ़ और अतिवृष्टि पर ध्यानाकर्षण या स्थगन नहीं लाएगी। इसके लिए कांग्रेस ने रणनीति बनाई है कि धारा 139 के तहत अविलंबनीय लोक महत्व विषय मानते हुए इस पर चर्चा करवाने की वह मांग करेगी। इसके लिए कांग्रेस जल्द ही इस संबंध में विधानसभा सचिवालय को सूचना देगी।
कांग्रेस का मानना है कि बाढ़ और अतिवृष्टि से सिर्फ कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र ही प्रभावित नहीं हुए हैं, इसमें भाजपा विधायकों के भी क्षेत्र खासे प्रभावित रहे हैं। विदिशा, रायसेन, राजगढ़, सागर के साथ ही श्योपुर, भिंड, मुरैना सहित कई जिलों में बाढ़ के प्रकोप का लोगों ने सामना किया है। करोड़ों की फसलों का नुकसान हो गया है। मवेशी बह गए हैं। दुकानों, मकानों में पानी भरने से लोगों का भी करोड़ों का नुकसान हुआ है। जान और माल का भी नुकसान हुआ है। यह किसी एक जिले की स्थिति नहीं हैं, प्रदेश के एक दर्जन जिलों में यह स्थिति बनी है।
इसलिए कांग्रेस ने तय किया है कि इसे सदन में अविलंबनीय लोक महत्व का विषय मानते हुये चर्चा होना चाहिए। इस चर्चा के जरिए कांग्रेस प्रभावित क्षेत्रों के लिए करोड़ों रुपए का विशेष पैकेज जिलों को देने की मांग कर सकती है।
की जा रही तैयारी
बाढ़ और फसलों के नुकसान का आंकलन करने को लेकर कांग्रेस सक्रिय है। इसके चलते ही बुधवार को नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह सहित श्योपुर के विधायक बाबू सिंह जंडेल और मुरैना जिले के दिमनी के विधायक रविंद्र सिंह तोमर मुरैना और श्योपुर जिले का हवाई निरीक्षण करने के लिए निकले हैं। वहीं सभी विधायकों को भी कहा गया है कि उनके क्षेत्र में बाढ़ और अतिवृष्टि से जो नुकसान हुआ है, उसका एक आंकलन कर भेजा जाए। इन सभी के आधार पर कांग्रेस विधानसभा सत्र में इस मुद्दे पर अपनी बात रखेगी।