Accuse The Saint : यौन शोषण के आरोप में संत शिवमूर्ति शरणारू गिरफ्तार

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Accuse The Saint : यौन शोषण के आरोप में संत शिवमूर्ति शरणारू गिरफ्तार

Bengaluru : लिंगायत संत शिवमूर्ति शरणारू को यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। चित्रदुर्ग जिले में एक प्रभावशाली मठ के महंत शरणारू के खिलाफ बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण कानून (Protection law from sexual offenses) के तहत मामला दर्ज किए जाने के बाद मुरुघा मठ के छात्रों को यहां के सरकारी छात्रावास में स्थानांतरित कर दिया गया था। फिलहाल आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को राजनीतिक लिहाज से काफी ज्यादा अहम माना जाता है। इसलिए इसके धर्मगुरुओं को खास सम्मान मिलता है, यही कारण है कि सभी नेताओं के मुंह बंद है।
महंत के खिलाफ मंगलवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून के तहत भी आरोप लगाए गए क्योंकि पीड़ितों में एक दलित लड़की भी है। इस विवाद के सामने आने के बाद कई माता-पिता अपने बच्चों को अपने घर ले गए। पुलिस विभाग के सूत्रों ने बताया कि महंत के खिलाफ मंगलवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून के तहत भी आरोप लगाए गए।
उन्होंने बताया कि महंत की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर मंगलवार को दलित संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बाद एससी/एसटी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. समझा जाता है कि मामला सामने आने के बाद से पुलिस टीम लगातार मठ और छात्रावास का दौरा कर रही है। इस बीच शरणारू ने दावा किया है कि लगाए गए आरोप उनके खिलाफ लंबे समय से चली आ रही साजिश का हिस्सा है। उन्होंने भरोसा जताया कि वह मामले में पाक-साफ होकर सामने आएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वह कानून का पालन करने वाले हैं और जांच में सहयोग करेंगे।
इस बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने महंत के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की कर्नाटक पुलिस से जांच रिपोर्ट मांगी है। महंत पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली दो नाबालिग लड़कियों ने मंगलवार को एक मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया।

लिंगायत समुदाय अहम
इस मामले को लेकर पक्ष से लेकर विपक्ष तक मौन है। जो नेता मुंह खोल रहे हैं, वो पीड़ितों के समर्थन में नहीं बल्कि आरोपी संत के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं। ये पूरा खेल वोट बैंक और राजनीति का है। राज्य में लिंगायत समुदाय को राजनीतिक लिहाज से काफी ज्यादा अहम माना जाता है। इसलिए इसके धर्मगुरुओं को खास सम्मान मिलता है। इस समुदाय की कुल 18% हिस्सेदारी है। अगर विधानसभा सीटों की बात करें तो ये समुदाय सीधे 118 सीटों पर असर डालता है। राज्य में बने 20 मुख्यमंत्रियों में से 8 मुख्यमंत्री लिंगायत समुदाय से थे।

किसने क्या कहा?
लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की तरफ से बयान सामने आया। इसमें उन्होंने जांच से पहले ही ये साबित कर दिया कि आरोपी शिवमूर्ति बेकसूर है। येदियुरप्पा ने कहा कि ये स्वामीजी के खिलाफ साजिश रची जा रही है। उनके खिलाफ आरोप में कोई भी सच्चाई नहीं है. जांच के बाद ये सच सामने आ जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के बयान में भी आरोपी संत के लिए समर्थन नजर आया। क्योंकि, उन्होंने पीड़ित नाबालिगों को इंसाफ दिलाने की बात तक नहीं कही। बोम्मई ने ये कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि, जांच के बाद ही सच पता चलेगा।