Indore : विशेष ज्यूपिटर हॉस्पिटल ने बच्चों के विकास, संज्ञानात्मक, व्यवहारिक एवं शारीरिक समस्याओं के लिए अनूठी पहल करते हुए पीडिएट्रिक रिहैबिलिटेशन सेंटर की शुरुआत की। इस सेंटर का शुभारंभ कलेक्टर मनीष सिंह ने किया। इस अवसर पर अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ राजेश कासलीवाल और ज्यूपिटर अस्पताल के सीईओ डॉ अंकित ठक्कर उपस्थित रहे।
यह सेंटर 15 साल तक के बच्चों के लिए फिजिकल थेरेपी, ऑक्यूपेशनल थैरेपी, स्पीच थैरेपी एवं विशेष शिक्षा जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। ऐसे बच्चे जिनका विकास समय पर नहीं हो पाया या जिन्हें विशेष देखभाल की जरूरत होती है, यह थैरेपी उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लेकर आएगी।
यह यूनिट विकास संबंधी विकारों, सेरेब्रल पाल्सी, आनुवंशिक विकारों, डाउन सिंड्रोम, मस्कुलर डिस्ट्रोफी, सिर की चोट, अर्ब्स पाल्सी, स्कोलिओसिस, क्लब फुट, टोर्टीकोलिस, प्री एवं पोस्ट बोटोक्स, सर्जिकल रीहेब, ऑटिज्म, एकाग्रता की कमी, हाइपरएक्टिविटी डिसप्रेक्सिया और लर्निंग की दिव्यांगता से पीड़ित बच्चों को लाभान्वित करेगा।
कलेक्टर ने विशेष हॉस्पिटल द्वारा इस अनूठी पहल के तहत शुरू किए गए रिहैबिलिटेशन सेंटर पर शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए कहा कि यह सेंटर फिजिकली एवं मानसिक रूप से जरूरतमंद बच्चों के लिए एक सौगात है। विकारों से पीड़ित बच्चों की देखभाल और जरूरी विकास के लिए यहां पर एक्सपर्ट थैरेपिस्ट और ट्रेनर मौजूद है।
इस रिहैबिलिटेशन सेंटर की वजह से अब बच्चों के अभिभावकों को मेट्रो शहरों में जाकर इलाज कराने के खर्चे से राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यहां हर वर्ग के बच्चे अपना इलाज करा सकेंगे। क्योंकि, हॉस्पिटल द्वारा इस सेंटर में इलाज की दरें बहुत कम रखी है। उन्होंने कहा कि यह सेंटर बच्चों के शारीरिक एवं भावनात्मक विकास में मददगार सिद्ध होगा।