KISSA-A-IAS: पिता हेड कांस्टेबल मां ASI, इशिता ने क्रैक की UPSC, बनी IAS
आज यदि किसी से पूछा जाए कि आईएएस की परीक्षा के लिए कितनी मेहनत करना पड़ती है, तो प्रतियोगी अपने अनुभव सुनाना शुरू कर देंगे कि उन्होंने कितने पापड़ नहीं बेले! इनमें कुछ की मेहनत सफल हुई, कुछ ने हिम्मत छोड़ दी। लेकिन, ऐसे प्रतियोगी भी होते हैं, जो जिनमें सपने पूरे करने का जुनून होता है और वे किसी परिस्थिति में हार नहीं मानते! लेकिन, यदि कोई बिना कोचिंग के UPSC की तैयारी करे और सफल भी हो, तो उसे चमत्कार ही कहा जाएगा। इशिता राठी ऐसे ही प्रतियोगियों में एक है जिन्हें तीसरे प्रयास में सफलता मिली। इशिता राठी की ऑल इंडिया में 8वीं रैंक रही। दो बार असफल होने पर उन्हें खुद भी यकीन नहीं था कि वह इतनी अच्छी रैंक हासिल कर लेंगी।
इशिता ने कहा कि UPSC (CSE) 2021 परिणाम की घोषणा के बाद से उनकी दुनिया ही बदल गई। टॉप-टेन में अपना नाम देखकर वे हैरान थी। इसलिए कि यह परीक्षा बहुत अनिश्चितता वाली है। हर कोशिश पिछली कोशिश से अलग और मुश्किलों से भरी होती है। इसलिए जब तक नतीजे नहीं आ जाते, तब तक पता नहीं चलता कि कौन सी रणनीति कारगर रही और क्या नहीं। अन्य प्रतियोगियों की तरह मेरे लिए भी यह यात्रा कठिन रही। मैं इतने अच्छे रैंक की उम्मीद नहीं कर रही थी, मुझे यकीन भी नहीं था कि मैं टॉप लिस्ट में पहुंच पाऊंगी लेकिन आखिर सपना पूरा हुआ।
UPSC जैसी कठिन परीक्षा को बिना कोचिंग के पास करना आसान नहीं है। उम्मीदवारों को मोटी किताबों और कोचिंग क्लासेस की मदद लेने के अलावा अपने आपको इसके लिए झोंक देते हैं। बहुत गिनती के उम्मीदवार होते हैं, जो बिना किसी कोचिंग के इस परीक्षा को न सिर्फ क्रैक करते हैं, बल्कि टॉपर बनकर प्रेरणा देते हैं।
वे देश में महिला सशक्तिकरण के लिए काम करना चाहती हैं। क्योंकि, उनका मानना है कि यदि देश में महिलाओं का विकास होगा तो देश का विकास होगा।
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इशिता ने अपनी शुरुआती शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल वसंत कुंज से पूरी की। इसके बाद उन्होंने लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया। पोस्ट ग्रेजुएशन में उन्होंने एमए मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से किया। इशिता ने UPSC की परीक्षा तीन बार दी। इशिता को हर बार लगा कि ये परीक्षा आसान नहीं है। लेकिन, खासियत ये रही कि उन्होंने तीनों बार तैयारी के लिए किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। पढ़ाई के नोट्स खुद तैयार किए और अपनी पढ़ाई को पूरा किया। UPSC का रिजल्ट जारी होने के बाद जब रिजल्ट आया तो इशिता को यकीन नहीं हुआ कि वे टॉप-टेन में आ गई।
इशिता राठी मूलतः उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता आई एस राठी हैं, जो दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल हैं। उनकी मां मीनाक्षी राठी भी पुलिस विभाग में ही हैं। वे सरिता विहार में एएसआई की पोस्ट पर हैं। इशिता ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने परिवार को दिया। इसलिए कि उनके माता-पिता ने पढ़ाई में उनका पूरा साथ दिया।
तैयारी के लिए टिप्स
इशिता राठी ने टॉप-टेन में आने के बाद एक इंटरव्यू में बताया कि मेरी पहली वरीयता IAS थी। यह परीक्षा बेहद मुश्किल होती है, इसलिए जरूरी है कि उसकी पढ़ाई के लिए तैयारी पर फोकस किया जाए। तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स के लिए सबसे जरूरी चीज है खुद पर भरोसा। अगर आपको अपने आप पर भरोसा है, तो सिलेक्शन की गुंजाइश ज्यादा बढ़ जाती है। इशिता ने सिविल सर्विसेज की तैयारी की शुरुआत पिछले साल के टॉपर्स की स्ट्रैटेजी को सुनकर की। UPSC Exam की तैयारी शुरू करने से पहले उन्होंने पूरा सिलेबस चेक किया। तब उन्हें अहसास हुआ कि वे बिना कोचिंग का सहारा लिए, खुद ही तैयारी कर सकती हैं तो उन्होंने उसी के अनुसार स्ट्रैटेजी बनानी शुरू कर दी। हालांकि उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली, लेकिन अपने वैकल्पिक विषय (आर्थिक) के लिए मैंने मेंटरिंग ली। जितना हो पाया मैंने घर बैठकर ही तैयारी की। इसके अलावा बहुत सारा स्टडी मैटेरियल इंटरनेट पर भी उपलब्ध है। इशिता का दावा है कि उन्होंने ऑनलाइन कंटेंट का उपयोग करके परीक्षा की तैयारी की थी। भूगोल और राजनीति जैसे कुछ विषय NCERT की किताबों में बहुत अच्छी तरह से लिखे गए हैं, इसलिए उनसे पढाई करने से प्रतियोगियों को मूल बातें स्पष्ट हो जाएंगी। इशिता ने अख़बारों से करंट अफेयर्स पढ़े। UPSC की तैयारी के लिए लोकप्रिय किताबों से भी मदद ली, जिनमें राजनीति के लिए लक्ष्मीकांत और इतिहास के लिए स्पेक्ट्रम शामिल हैं। मैंने ज्यादातर उन सभी संसाधनों का उल्लेख किया जो अधिकांश टॉपर्स द्वारा संदर्भित किए जाते हैं और इससे मुझे मदद मिली।
तैयारी की टिप देते हुए इशिता ने कहा कि परीक्षा देने वाले को विषयों में विशेषज्ञता जैसे लक्षित अध्ययन करने का प्रयास करना चाहिए। यह एक ऐसी परीक्षा है जहां सभी विषयों को बारीकी से जानने की जरूरत होती है। कुछ घंटों की पढ़ाई के साथ आने वाले दिनों की योजना बनाई जाना चाहिए, फिर बीच में ब्रेक लिया जाए। मैं अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए जल्दी उठ जाती थी। खास बात यह है कि समय को ध्यान में रखकर पढ़ाई नहीं की, बल्कि खुद को टारगेट दिया। कभी लक्ष्य मेरे विचार से पहले पूरे हो जाते थे, जबकि अन्य दिनों में इसमें 10 घंटे से अधिक समय लग जाता था। सबसे पहले आत्मविश्वासी बनें। दूसरे, अपने आप को सकारात्मक लोगों के साथ रखें और आश्वस्त रहें कि आपने जो परीक्षा तैयार की है, आप उसे पास कर लेंगे।
सुरेश तिवारी
MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।