भोपाल: प्रदेश की अदालतों में लंबित आपराधिक मामलों में पुलिस की अनुपस्थिति से बढ़ती पेडेंसी को कम करने के लिए आगर पुलिस ने नया प्रयोग किया है। यदि यह प्रयोग सफल रहा और इसके परिणाम स्वरूप अदालतों में लंबित मामलों को सुलझाने में असर दिखा तो यह नवाचार प्रदेश भर में लागू हो सकता है। इस प्रयोग में पुलिसकर्मियों को पेशी पर जाने के लिए पुरस्कार दिया जाएगा।
आगर जिले में हाल ही में हुई मॉनिटरिंग सेल की बैठक में यह बात सामने आई कि पुलिसकर्मियों और अफसरों के अदालत में पेशी पर नहीं पहुंचने के चलते भी कोर्ट के मामलों में पेडेंसी बढ़ रही है। बैठक में तय किया गया कि इसका कुछ हल निकाला जाए। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने अपने स्टॉफ से बातचीत की तो पता चला कि कई बार पुलिसकर्मी और अफसर दूसरे कामों में व्यस्त रहते हैं, कई बार वे किसी मामले के संबंध में शहर से बाहर चले जाते हैं। ऐसे में वे उपस्थित नहीं हो पाते।
इसके बाद एसपी ने तय किया कि पेशी पर उपस्थित होने की कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए कि पुलिस का काम भी प्रभावित न हो और उपस्थिति भी कोर्ट में हो जाए। इसके लिए तय किया गया कि जो पुलिसकर्मी और अफसर अपनी व्यस्तता के दौरान वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत की पेशी में उपस्थित होगा उसे इनाम दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक के हाथ में ज्यादा इनाम देने की स्थिति नहीं रहती है, इसलिए फिलहाल ऐसी पुलिसकर्मियों और अफसरों को 100 रुपए का पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि यदि यह प्रयोग सफल रहा तो इस पूरे नवाचार को प्रदेश भर में लागू किया जा सकता है।
राकेश कुमार सगर, एसपी आगर ने बताया कि जिले की मॉनिटरिंग सेल की बैठक में यह बात सामने आई कि पुलिस के उपस्थित नहीं होने से कोर्ट में पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। ऐसे में हमारा काम भी प्रभावित न हो और कोर्ट में भी पेंडेंसी न बढ़े, इसलिए यह पुरस्कार रखा गया है। सभी कोर्ट में वीडियो कॉफ्रेंसिंग की व्यवस्था है, उसके जरिए भी पुलिसकर्मी और अफसर कोर्ट में पेशी अटेंड कर सकते हैं।
राकेश कुमार सगर, एसपी आगर