भोपाल: इस साल राज्य पुलिस सेवा के 10 अफसरों को आईपीएस अवार्ड होना है, लेकिन जो क्रम है, उसके अनुसार तीन अफसरों को एक बार फिर आईपीएस बनने का मौका नहीं मिलेगा। जबकि वर्ष 1997 बैच के एक अफसर को भी इस सवाल आईपीएस बनने में दिक्कत आएगी। इन चारों अफसरों के रिकॉर्ड खराब बताए जाते हैं। विभिन्न मामलों में इनकी जांच जारी है। इसमें से कुछ को चार्जशीट भी दी गई है।
पुलिस मुख्यालय दस अफसरों को आईपीएस अवार्ड करवाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस प्रस्ताव में तीस अफसरों की जानकारी तैयारी की जा रही है। इसमें से कई अफसरों के रिकॉर्ड ठीक नहीं हैं। हालांकि शुरूआत के जो दस अफसर हैं, उनमें से वर्ष 1995 के तीन अफसरों का रिकॉर्ड पूर्व की ही तरह खराब बताया जा रहा है। इनमें अनिल मिश्रा, देवेंद्र कुमार सिरोलिया और प्रकाश चंद्र परिहार के रिकॉर्ड अच्छा नहीं हैं। प्रस्ताव भेजे जाने तक प्रकाश चंद्र परिहार का रिकॉर्ड ठीक होने की कुछ उम्मीद हैं।
वहीं वर्ष 1996 के सभी अफसर आईपीएस बन जाएंगे, लेकिन यदि परिहार को आईपीएस अवार्ड नहीं हुआ तो वर्ष 1997 के राज्य पुलिस सेवा के किसी एक अफसर को आईपीएस अपने का मौका मिल सकता है। इस बैच के एक अफसर का रिकॉर्ड खराब माना जा रहा है। उनकी विभागीय जांच चल रही है, जिसमें उन्हें चार्जशीट दी जा चुकी है। इसके चलते उनका आईपीएस इस साल संभव नहीं है। उनकी जगह पर इस बैच के किसी अन्य अफसर को आईपीएस बनने का मौका मिल सकता है।
ये नाम रहेंगे शामिल
वर्ष 1995 बैच के अनिल कुमार मिश्रा, देवेंद्र कुमार सिरोलिया, प्रकाश चंद्र परिहार के बाद वर्ष 1996 बैच के विनोद कुमार सिंह, मनीष खत्री, राजेश कुमार त्रिपाठी, सुनील कुमार मेहता, वीरेंद्र जैन, देवेंद्र कुमार पाटीदार, राय सिंह नरवरिया, राम शरण प्रजापति, सुंदर सिंह कनेश के साथ ही वर्ष 1996, 1997 और वर्ष 1998 बैच के तीस अफसर के नाम इनमें शामिल रहेंगे। बताया जाता है कि 1996, 1997 और 1998 बैच के अफसरों में से करीब दस का रिकॉर्ड फिलहाल बेहतर नहीं है।