School Ranking : इंदौर के सरकारी स्कूल फिसड्डी, 42वें नंबर पर फिसले 

संभाग स्तर पर भी इंदौर का प्रदर्शन ख़राब, 11वीं पायदान पर 

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School Ranking : इंदौर के सरकारी स्कूल फिसड्डी, 42वें नंबर पर फिसले

Indore : सरकारी स्कूलों की स्थिति पर नजर रखने वाली शिक्षा विभाग की समिति ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में इंदौर की स्थिति को बेहद ख़राब बताया। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के शुरुआती तीन माह के प्रदर्शन की रिपोर्ट जारी की। स्वच्छता में देश में अव्वल रहने वाले इंदौर के सरकारी स्कूल पढ़ाई के मामले में फिसड्डी साबित हुए। छह मानकों में प्रदेश में इंदौर 42वें नंबर रहा। पिछली बार इंदौर 23वें नंबर पर था।

रैंकिंग में पिछड़ने का कारण स्कूलों पर ध्यान नहीं देना है। संभाग स्तर पर भी इंदौर का प्रदर्शन खास नहीं रहा। संभाग की रैंकिंग में इंदौर 11वें पायदान पर है। इसमें सागर अव्वल रहा। दूसरा नंबर जबलपुर, तीसरा नर्मदापुरम, चौथा रीवा और पांचवां शहडोल का है।

हर तीन महीने में राज्य शिक्षा केंद्र 6 बिंदुओं के 32 पैरामीटर पर सरकारी स्कूलों की निगरानी करता है। जिन बिंदुओं पर रैंकिंग दी जाती है वे इस प्रकार हैं। बच्चों के नामांकन एवं ठहराव, गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक उपलिब्धयां, शिक्षकों का व्यावसायिक विकास, समानता, अधोसंरचना एवं भौतिक सुविधाएं और सुशासन प्रक्रिया।

इस आधार पर तीन महीने में रैंकिंग दी जाती है। हाल ही में पहली से 8वीं तक की शुरुआती तिमाही रिपोर्ट जारी हुई। इसमें छतरपुर पहले, बालाघाट दूसरे, छिंदवाड़ा तीसरे, पन्ना चौथे और दमोह पांचवें नंबर पर है।

राज्य शिक्षा केंद्र ने इस बार की रैंकिंग में यह भी बताया है कि किसने पिछली बार की रैंकिंग में सुधार किया है और कौन सा शहर और नीचे उतरा। सुधार और गिरावट वाले शहरों की सूची अलग-अलग जारी की गई है। इंदौर का नाम गिरावट वाले शहरों में है। सबसे अच्छा सुधार करने वाला शहर निवाड़ी है। वह पहले 41वें नंबर पर था, लेकिन अब 10वें नंबर पर है।