महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पण को भव्यता प्रदान करने के लिए बनेगी समिति,कॉरिडोर का नामकरण भी होगा

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति में प्रबुद्धजन, गणमान्य नागरिक और सन्तों को शामिल किया जाएगा

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महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पण को भव्यता प्रदान करने के लिए बनेगी समिति,कॉरिडोर का नामकरण भी होगा

(उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट)

​उज्जैन । आज शुक्रवार को मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्रसिंह, वित्त और उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा तथा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव द्वारा आगामी 11 अक्टूबर को भगवान महाकालेश्वर कॉरिडोर लोकार्पण कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक त्रिवेणी संग्रहालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री के संभावित कार्यक्रम पर चर्चा की गई। कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
​मंत्री भूपेंद्रसिंह ने बैठक में कहा कि यह आयोजन पूर्ण रूप से धार्मिक आयोजन होगा। इस कार्यक्रम को भव्य स्वरूप प्रदान किया जायेगा। मुख्यमंत्री की यह इच्छा है कि कार्यक्रम के आयोजन की समिति बने, समिति में उज्जैन के प्रबुद्धजन, गणमान्य नागरिक और सन्तों को शामिल किया जाये। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि आयोजन समिति के सदस्य हेतु नामांकन कलेक्टर को सौंपे जायें। समाज का हर वर्ग इस कार्यक्रम से जुड़ना चाहिये। आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री द्वारा समिति की बैठक भी ली जायेगी।
​मंत्री श्री सिंह ने कहा कि महाकालेश्वर कॉरिडोर को एक अच्छा-सा नाम दिया जाना चाहिये। इसके लिये आयोजन समिति के सदस्यों से कई सुझाव प्राप्त किये गये। इनमें सदस्यों द्वारा रूद्रपथ, श्वेताद्री, महाकाल लोक, महाकाल देवस्थान परिक्षेत्र, महाकाल पथ, महाकाल विथिक, शिवांगन, महाकाल वाटिका, अवंतिका पथ, महाकाल मण्डप आदि नाम सुझाये गये। मंत्री ने कहा कि यह कॉरिडोर पूरे देश में अपने आप में अदभुत बनेगा। शहर के सभी मन्दिरों में साफ-सफाई, रंग-रोगन, सजावट का कार्य किया जाये। लोकार्पण समारोह के दिन हर घर में दीप प्रज्वलित किये जायें। उत्सव का वातावरण बने। पूरे मध्य प्रदेश के प्रमुख मन्दिरों में भी उस दिन कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। महाकालेश्वर कॉरिडोर लोकार्पण कार्यक्रम का लाईव प्रसारण किया जायेगा। पूरा देश इस कार्यक्रम से जुड़ेगा। धार्मिक नगरी के अलावा उज्जैन पर्यटन का केन्द्र भी बनेगा।
​मंत्री श्री सिंह ने कहा कि कार्यक्रम अच्छा और प्रभावी होना चाहिये। हर समाज, हर वर्ग सामाजिक समरसता के साथ इस कार्यक्रम से जुड़े। बैठक में 11 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रमों के स्वरूप पर चर्चा की गई। साथ ही 11 अक्टूबर के पूर्व कुछ दिन पहले से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाने पर विचार-विमर्श किया गया।
​प्रभारी मंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि यह एक बहुत भव्य आयोजन होने जा रहा है। 5 अक्टूबर से उज्जैन जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये, ताकि एक उत्सव का वातावरण निर्मित हो सके। कार्यक्रम में उज्जैन, इन्दौर और निमाड़ के जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जायेगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से सरपंचों को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया जायेगा।
​मंत्री डॉ.यादव ने इस अवसर पर कहा कि 5 अक्टूबर को दशहरा पर्व पर भगवान महाकालेश्वर की सवारी निकाली जाती है। इस बार यह सवारी शाही सवारी की तरह निकाली जायेगी। इसमें बहुत सारे बैण्ड और झांकियां भी समाहित होंगे। जनप्रतिनिधि सवारी में शामिल होंगे तथा 11 अक्टूबर के लिये जनता को कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण देंगे। उज्जैन शहर के प्रत्येक घर में परिवार के मुखिया के नाम से पीले चावल देकर लोकार्पण कार्यक्रम का निमंत्रण दिया जायेगा।
​मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि भगवान महाकालेश्वर के उज्जैन में प्राकट्य पर आधारित नाटक का मंचन किया जायेगा। स्थानीय कलाकारों को कार्यक्रम में शामिल किया जायेगा। रामघाट और आसपास के क्षेत्र में विशेष साज-सज्जा की जायेगी। शहर में प्रवेश के मुख्य द्वारों पर भी साज-सज्जा की जायेगी।

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​सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि उज्जैन के गांव-गांव से कलश यात्रा निकाली जाये। महापौर ने कहा कि सभी वार्डों में सुन्दर काण्ड का पाठ किया जाये। लोकार्पण समारोह को हर्षोल्लास से मनाये जाने के लिये वार्डवार समिति बनाई जाये। उज्जैन के प्रत्येक नागरिक को लगे कि यह कार्यक्रम उनका कार्यक्रम है। सभी नागरिक भावनात्मक रूप से इससे जुड़ें।

​बैठक में पूर्व सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय, जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय, महिदपुर विधायक बहादुरसिंह चौहान, विवेक जोशी, विशाल राजौरिया, जगदीश पांचाल, बहादुरसिंह बोरमुंडला, संभागायुक्त संदीप यादव, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल, एडीएम संतोष टैगोर, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय और पूर्व में बनाई गई दीपोत्सव समिति के सदस्य शामिल थे।