New Delhi : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद बहुत कुछ बदलाव होने के आसार है। संभावना है कि बदले हालात में कांग्रेस हाईकमान कोई बड़ा फैसला ले सकता है। इस बात की संभावना ज्यादा है।
कांग्रेस के अंदर से रिसी जानकारी बताती हैं कि राजस्थान के CM अशोक गहलोत AICC के अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो सकते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अब मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल और पवन बंसल अध्यक्ष पद की रेस में दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम भी चर्चा में आया था। किंतु, उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि वे मध्यप्रदेश छोड़कर नहीं जाएंगे। कमलनाथ के इंकार के बाद दिग्विजय सिंह का नाम फिर चर्चा में हैं।
दिग्विजय सिंह को AICC का अध्यक्ष पद मिलने की संभावना है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि अशोक गहलोत को छोड़ दिया जाए तो वेणुगोपाल और खड़गे की तुलना में दिग्विजय सिंह में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की काबिलियत ज्यादा है। लेकिन, पार्टी इसका नकारात्मक पक्ष भी नजर आ रहा है।
दिग्विजय सिंह को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के मुद्दे पर जानकारों का कहना है कि इस बात की संभावना कम ही है। यदि गहलोत रेस से बाहर हैं, तो जिन तीन नामों की चर्चा है, उसमें दिग्विजय सिंह में ही इस पद को संभालने की काबिलियत दिखाई देती है। पार्टी के भीतर उनकी स्वीकार्यता कितनी है यह सबसे बड़ा सवाल है। कमलनाथ मप्र में पार्टी के अध्यक्ष हैं, वे शायद दिग्विजय सिंह को AICC अध्यक्ष स्वीकार नहीं करेंगे! यदि कमलनाथ राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने तैयार हो जाएं, तो दिग्विजय को प्रदेश अध्यक्ष बनाने में कोई गुरेज नहीं होगा।
कांग्रेस में फिलहाल दिग्विजय सिंह ही ऐसे नेता हैं, जिनमें बीजेपी से लड़ने की क्षमता है। लेकिन, दिग्विजय के हाथ में कांगेस की कमान आने से बीजेपी को फायदा भी दिखाई देता है। इसकी वजह यह है कि दिग्विजय धार्मिक मुद़्दों पर मुखर रहते हैं। ऐसे में भाजपा को हिंदू-मुस्लिम पोलराइजेशन करने का मौका मिलेगा। लेकिन, अभी ये सिर्फ कयास ही है।