भोपाल: भोपाल, इंदौर,ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन जैसे बड़े शहरों में निजी आवास में रहकर पढ़ाई कर रहे अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली आवास सहायता योजना राज्य सरकार ने एक बार बढ़ाकर फिर कम कर दी है। हालाकि इसे लिपिकीय त्रुटि बताकर पल्ला झाड़ रहा है।
सूत्रों के मुताबिक जनजातीय कार्य विभाग ने 25 मई 2022 को आवास सहायता योजना में मिलने वाली राशि बढ़ाने के संबंध में एक आदेश जारी किया था। इसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में निजी आवासों में रहकर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए हर माह प्रति विद्यार्थी चार हजार रुपए आवास सहायता के रुप में देने का प्रावधान किया गया था। शेष 47 जिला मुख्यालयों पर इसे ढाई हजार रुपए और विकासखंड मुख्यालयों पर दो हजार रुपए किया गया था। अब जनजातीय कार्य विभाग ने गुपचुप इसे फिर से कम कर दिया है।
इसी महीने 26 सितंबर को जनजातीय कार्य विभाग ने बैक डेट में एक आदेश जारी कर पूर्व में जारी आदेश में संशोधन करते हुए अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए आवास सहायता योजना नियम 2021 की कंडिका चार को संशोधित कर पूर्ववत देय लाभ को यथावत प्रतिस्थापित कर दिया है। अब भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में प्रति विद्यार्थी प्रति माह दो हजार, शेष 47 जिला मुख्यालयों पर 1250 और विकासखंड मुख्यालयों पर एक हजार रुपए प्रति विद्यार्थी प्रति माह आवास सहायता राशि ही दी जाएगी। जनजातीय कार्य विभाग के अवर सचिव सचिन्द्र राव ने यह आदेश जारी किया है।
चर्चा में बदलाव-
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जनजातीय बच्चों के लिए आवास सहायता योजना बढ़ाकर घटाना विभाग में चर्चाओं में है। सूत्रोें के मुताबिक विभागीय मंत्री की सहमति बिना जारी इस आदेश को अधिकारियों ने निरस्त कर सहायता राशि पूर्ववत रखी है। हालाकि विभागीय अधिकारी इसे लिपिकीय त्रुटिवश जारी होना बता रहे है। इसी कारण इस आदेश को निरस्त कर सहायता राशि पूर्ववत की गई है।