Indore : देवगुराड़िया स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर गीले कचरे से बन रही सीएनजी गैस 50 से अधिक सिटी बसों में उपयोग की जा रही है। CNG आसानी से शहरी क्षेत्र में उपलब्ध हो, इसके लिए अगले साल इसकी लाइन पेट्रोल पंपों से जोड़ दी जाएगी। इन पंपों से गैस लेने में समय के साथ ईंधन की भी बचत होगी। पेट्रोल पंपों का सर्वे शुरू हो गया है। सर्वे के बाद लाइन बिछाने का काम शुरू किया जाएगा। पालदा स्थित पंप से यह गैस मिलने लगेगी।
डोर टू डोर कचरा संग्रहण में रोजाना 2 से 3 टन गीला कचरा आता है। इस कचरे का पूरी तरह निष्पादन करना चुनौती बना रहता है। रोज हजारों किलो जैविक खाद बनाने के बाद शेष कचरा सुरक्षित रखना पड़ता है। लंबे समय से बचे हुए कचरे का बेहतर उपयोग करने की योजना निगम बना रहा था, लेकिन योजना पर काम शुरू नहीं हो सका। निगम ने उस समय राहत की सांस ली, जब बेंगलुरु की कंपनी ने गीले कचरे व गोबर से सीएनजी बनाने का अनुबंध किया गया है। अनुबंध में निगम को कचरे के बदले 30 प्रतिशत उत्पादित गैस मिलने लगी। इस गैस से निगम की बसें चलाई जा रही हैं।
बाजार में CNG के दाम करीब 97 रुपए प्रति किलो है। एक सिटी बस में रोजाना 20 से 30 किलो गैस लगती है। दाम अधिक होने से बसों का लाभ कम होने लगा। बसों के संचालन काे फायदे का सौदा बनाने ट्रेंचिंग ग्राउंड पर गैस तैयार हो रही है। बसों में यहां उत्पादित गैस से निगम को प्रतिमाह 20 से 25 हजार रुपए प्रति बस बचत हो रही है। 50 बसों की यह राशि लाखों रुपए हैं।
लाइन का काम दीपावली बाद
शहरी क्षेत्र से ट्रेंचिंग ग्राउंड तक करीब 10 से 12 किलोमीटर दूर है। ऐसे में वाहनों को आने-जाने में परेशानी आती है। इसी परेशानी को दूर करने पेट्रोल पंप से जोड़ा जाना प्रस्तावित है। सर्वे के बाद लाइन बिछाने का काम दीपावली बाद काम शुरू होगा। नगर निगम के अपर आयुक्त अभय राजगांवकर ने कहा कि पेट्रोल पंप तक लाइन जोड़ने का सर्वे किया जा रहा है। पहले दौर में नजदीक के पंपों को शामिल किया जाएगा। दीपावली बाद पालदा स्थित पंप तक लाइन बिछाई जाएगी।