Strange Accident : गरबा देख रही बच्ची के सिर में क्या लगा कि जान गई
Indore : हीरानगर थाना क्षेत्र में 11 साल की बच्ची के सिर में गोली जैसी वस्तु लगने से मौत हो गई। वह मंगलवार रात मां के साथ गरबा देख रही थी, तभी उसके सिर से अचानक खून का फव्वारा फूट पड़ा। बेटी को उसी समय अस्पताल ले जाया गया। वहां से उसे दूसरे अस्पताल भेजा गया, जहां बुधवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। लेकिन, अभी तक यह राज ही है कि उसके सिर में क्या आकर लगा!
घटना मंगलवार रात करीब 10.30 बजे की है। शारदा नगर में रहने वाली रक्षा शिंदे ने बताया कि वह बेटी माही और बेटे हार्दिक को लेकर घर से कुछ ही दूर चल रहे गरबा देखने के लिए गई थी। बेटी मेरी गोद में बैठी थी। कुछ देर बाद अचानक पटाखे चलने जैसी आवाज आई। मैं कुछ समझ पाती इससे पहले ही मेरी गोद में बैठी बेटी के सिर से खून का फव्वारा फूट गया। रक्षा सिर दबाकर माही को घर लेकर भागी और वहां से पति संतोष के साथ बापट चौराहा स्थित बारोड़ अस्पताल पहुंची। यहां से उन्हें दूसरे अस्पताल जाने को कहा। तब माता-पिता बच्ची को स्कीम 54 स्थित राजश्री अस्पताल ले गए। वहां माही का सिटी स्कैन किया गया, जिसमें वहां पता चला कि इसे सिर में गोली जैसी कोई वस्तु लगी है। किराना की दुकान चलाने वाले पिता संतोष ने बताया कि माही 6ठी क्लास में पढ़ रही थी। गरबा पंडाल में कई लोग मौजूद थे। किसी ने गरबे के दौरान गोली चलते नहीं देखी।
दुश्मनी या विवाद नहीं
जांच अधिकारी एसआई कमल किशोर सोलंकी के मुताबिक घटना शारदा नगर के पास की है। सुबह तक बच्ची का उपचार चलता रहा, लेकिन 10.30 बजे उसकी मौत हो गई। एसआई के अनुसार हमने पूछताछ की पर किसी ने गोली चलते नहीं देखी है। इलाके के सीसीटीवी फुटेज भी चेक कर रहे हैं। मामले की जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक परिवार की कोई दुश्मनी या विवाद का एंगल भी सामने नहीं आया है।
अभी तक समझ नहीं आया
बुधवार शाम एफएसएल अधिकारी पोस्टमार्टम के बाद बच्ची के घर पहुंचे और मां के साथ अन्य लोगों से पूछताछ की। घटनास्थल पर सीन रीक्रिएशन भी कराया गया। एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्ची के सिर में जो मेटल जैसा पार्ट मिला है, फिलहाल उसके बारे में निश्चित तौर पर कहना मुश्किल है कि ये टुकड़ा किस चीज का है। एफएसएल अधिकारी के मुताबिक माही शिंदे के सिर में मेटल जैसा जो पार्ट मिला है, उसकी परत कॉपर जैसी है। जो बच्ची के सिर में लगभग ढाई से तीन इंच अंदर घुसा था। इसे पिस्टल की गोली नहीं कहा जा सकता। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर जितेन्द्र तोमर और पीएस ठाकुर ने भी इसे पिस्टल की बुलेट मानने से इनकार किया।
राइफल की बुलेट का टुकड़ा
इस मामले में राइफल की बुलेट का टुकड़ा टूट कर लगने की आशंका है। लेकिन, अधिकारी अभी स्पष्ट रुप से कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं। कहा जा रहा है कि आमतौर पर पिस्टल या राइफल से गोली चलने के बाद वह पोल या अन्य किसी भारी वस्तु से टकराकर अपनी दिशा बदल देता है, इसे रिकोचिट कहा जाता है। ऐसे में बुलेट की स्पीड और तेज हो जाती है। संभवत इस तरह की घटना में यह हादसा हो सकता है। लेकिन, फ़िलहाल अंतिम निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता।