Indore Master Plan : 25 साल बाद के इंदौर के लिए अभी से प्लानिंग जरूरी!

जितनी आबादी उतने ही वाहन, सवा करोड़ आबादी में क्या होगा

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Indore Master Plan : 25 साल बाद के इंदौर के लिए अभी से प्लानिंग जरूरी!

Indore : शहर के सुव्यवस्थित विकास और सही प्लानिंग की जरूरत है। 2052 तक इंदौर, देवास, धार और उज्जैन शहरी क्षेत्र में रहने वालों की आबादी लगभग सवा करोड़ होगी, जिसके लिए व्यवस्था जुटाना आसान नहीं होगा। इसे लेकर अभी से सोचना होगा, अन्यथा मौजूदा बेतरतीब विकास के शिकार इंदौर ही नहीं आसपास विकसित हो रहे हैं शहर भी होंगे।
यह बात इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा आयोजित कार्यशाला में यूरोपीय यूनियन के विशेषज्ञों द्वारा की गई चर्चा में कही गई। मंगलवार को आयोजित की गई कार्यशाला में इंदौर की स्वच्छता व आपदा प्रबंधन विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस दौरान एक विशेषज्ञ ने कहा कि महानगर पर काम करने के लिए रीजनल संतुलन बनाना होगा। आनुपातिक रूप से उद्योग, आवास और हरियाली आदि विषय पर प्लानिंग करना होगा। कार्यशाला में मास्टर प्लान व महानगर प्लानिंग पर चर्चा की गई इस दौरान यह भी तय किया गया कि अब विशेषज्ञ समूह बनाकर इस क्षेत्र का प्लान तैयार करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि मास्टर प्लानिंग से सिटी का प्रबंधन कर सकते हैं महानगर प्लानिंग क्षेत्र का आर्थिक विकास करता है। चर्चा में यह भी कहा कि आज से 25 साल बाद उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निपटना है तो इसके लिए अभी से प्रयास शुरू करना होंगे। कार्यशाला में उत्थान समूह के अजीतसिंह नारंग, विष्णु गुप्ता, आर्किटेक्ट अमित सेठी, प्रकृति शेट्टी, दीप्ति व्यास और अनिल जोशी व अन्य मौजूद थे। चर्चा के लिए सब के अलग-अलग समूह बनाए गए थे।

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आबादी के बराबर वाहन
इंदौर की यातायात को लेकर चर्चा करते हुए बताया गया कि यहां जनसंख्या के बराबर महान हो गए हैं यह कंजेक्शन कम कैसे कर सकते हैं। इस पर विशेषज्ञ ने कहा मेट्रो रीजन के लिए यह सवाल महत्व नहीं रखता है इसके लिए मास्टर प्लान सिस्टम बनेगा तो रोड पर वाहन कम होंगे। दूसरी खास बात यह है कि रोड नेटवर्क भी शहर की प्लानिंग में बहुत अहम भूमिका रखते हैं। उन्होंने कहा कि रेडियल या रिंग रोड बनाने से शहर के केंद्र पर भीड़ होती है।

6800 वर्ग किमी क्षेत्र होगा
कार्यशाला में आए विशेषज्ञों ने इंदौर, उज्जैन, देवास और धार शहरों के विकास की गति को समझते हुए कहा कि 2052 में 1.25 करोड़ आबादी होगी तथा यह 6800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र होता है। इसके लिए आवास, परिवहन, हरित क्षेत्र, सामाजिक सुविधाएं और उत्पादन की गतिविधियों की प्लानिंग अभी से करना होगा।