राणापुर नगर परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर भाजपा का निर्विरोध कब्जा
कमलेश नाहर राणापुर की रिपोर्ट
Ranapur (Jhabua) जैसा कि पूर्वानुमान लगाया जा रहा था ठीक वैसा ही नतीजा आया।राणापुर नगर परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर भाजपा ने निर्विरोध कब्जा कर लिया।नगर परिषद के दोनों शीर्ष पदों पर महिलाए चुनी गईं है।
अध्यक्ष वार्ड एक की पार्षद सुश्री दीपमाला नलवाया होगी। उपाध्यक्ष पद वार्ड 8 की पार्षद प्रियंका आशीष सोनी के हिस्से आया।आपको बता दे कि नगर के 15 वार्डों में से गत 27 सितंबर को हुए चुनाव में भाजपा ने 11 ,कांग्रेस ने 3 व निर्दलीय ने 1 सीट जीती थी।इसमे से कांग्रेस के 2 पार्षद भी भाजपा को समर्थन दे रहे थे।अध्यक्ष उपाध्यक्ष निर्वाचन के पूर्व भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े सुरेश वागुल की भी पार्टी में वापसी से भाजपा समर्थकों का आंकड़ा14 पर पहुंच गया
*19 दिन का अज्ञातवास काटा, सुबह पहुंचे नगर मे*
30 सितंबर को घोषित चुनाव परिणाम में भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल हो गया था।विपक्षी कांग्रेस मात्र 3 सीट जीती।उसमे से भी 2 पार्षद जिधर दम उधर हम की तर्ज पर भाजपा के साथ दिखाई दिए।
ऐसे में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के लिए भाजपा को कांग्रेस से कोई खतरा नही था।पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी से पार्षदों में सेंधमारी न हो जाये इसलिए पार्टी ने सभी पार्षदों को अज्ञातवास पर भेज दिया।19 दिन के दौरान पार्षदों ने गुजरात व राजस्थान के अनेक तीर्थस्थान के साथ पर्यटन स्थलों का भी आनंद लिया।इस दौरान बगुलामुखी सिद्धपीठ नलखेड़ा व कष्टभंजन देव धाम सालङ्गपुर में हवन भी करवाया गया।मंगलवार रात में में उन्हें सीमावर्ती क्षेत्र में रखा गया।बुधवार सुबह साढ़े 8 बजे सभी को नगर के झाबुआ रोड़ स्थित इंद्रप्रस्थ मोटल में लाया गया।19 दिनों बाद पार्षदों की नगर में वापसी हुई।
*इंद्रप्रस्थ में हुई रायशुमारी की औपचारिकता-*
पार्षदों के आने के बाद यहां भाजपा के नेताओ के आने का क्रम शुरू हो गया।प्रदेश भाजपा संगठन ने किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दिलीप पाटोदिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था।पार्षदों के अज्ञातवास में होने से रायशुमारी की प्रक्रिया नही हो सकी थी।निर्वाचन के एक घँटे पूर्व पाटोदिया, जिला प्रभारी हरिनारायण यादव,शैतानसिंह पाल ,जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक ने पार्षदो से रायशुमारी की औपचारिकता पूरी की।इसके बाद बंद लिफाफे में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के नाम देकर पार्षदों को नगर परिषद कार्यालय रवाना किया गया।
*अध्यक्ष के लिए एक, उपाध्यक्ष के थे अनेक दावेदार*
निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होने पर पार्टी द्वारा अध्यक्ष पद की अधिकृत प्रत्याशी दीपमाला नलवाया ने नामांकन दाखिल किया।उनके सामने किसी ने भी नामांकन दाखिल नही किया।जिससे वे निर्विरोध निर्वाचित हो गई।असल कशमकश तो उपाध्यक्ष पद के लिए थी।यहां अनेक दावेदार थे।इनमे वार्ड 9 से मंत्री उषा ठाकुर के ममेरे भाई लोकेन्द्रसिंह परिहार, वार्ड 11 से नितिन राठौड़ व वार्ड 6 से जीते कन्हैयालाल प्रजापत व वार्ड 10 की पार्षद रीना सकलेचा ने भी अपनी दावेदारी रखी थी।अध्यक्ष पद पर महिला चुन ली गई थी तो सबको यह उम्मीद थी कि उपाध्यक्ष पद पुरुष वर्ग के हिस्से ही आएगा।बंद लिफाफे में सभी दावेदारो को अपना नाम होने की पूरी उम्मीद थी।सभी ने अपने समर्थकों को भी बुलवा लिया था।लिफाफा खोलने पर प्रियंका सोनी का नाम निकला।यह देखकर सभी दावेदारों के चेहरे का रंग उतर गया।हालांकि सभी ने संगठन सर्वोपरि मानकर निर्णय का सम्मान किया।
*मिनी स्मार्ट सिटी बनाने का लक्ष्य*
अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए दीपमाला नलवाया ने अपनी प्राथमिकताए बताई।उन्होंने कहा कि नगर के सम्पूर्ण विकास के लिए वे सबको साथ लेकर चलेगी।अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार रहेगी।उन्होंने नगर को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने का लक्ष्य तय किया है।
*जीते हुए बागी की वापसी, उठ रहे सवाल*
इन निकाय चुनाव में पार्टी को जमकर बगावत का सामना करना पड़ा था।टिकिट वितरण में पार्टी संगठन पर कई आरोप भी लगे थे।पार्टी संगठन के अनेक जिला व संगठन पदाधिकारी टिकिट की मांग कर रहे थे।नही मिलने पर बागी होकर चुनाव मैदान में डटे रहे।इस पर पार्टी ने उन्हें निष्कासित भी किया था।इनमे वार्ड 12 में पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता अजनार को हराने वाले सुरेश वागुल भी शामिल थे।वागुल को अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनाव के पूर्व पार्टी जिलाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह नायक से आशीर्वाद लेते देखा गया।वागुल की पार्टी में वापसी तय हो गई।इसे लेकर सवाल उठने लगे कि जो पार्टी प्रत्याशी को हराकर आया उस बागी को पार्टी ने फिर से अपना लिया।