Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी की यात्रा MP में अब 4-5 दिन पहले आ सकती है

दिग्गिज नेताओं की प्रतिष्ठा होगी दाव पर

1023

Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी की यात्रा MP में अब 4-5 दिन पहले आ सकती है

भोपाल: राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा अब प्रदेश में तय समय से पहले प्रवेश कर सकती है। यात्रा की जो गति हैं उसे देखकर कांग्रेस नेता मानते हैं कि 20 नंवबर के आसपास यह यात्रा बुरहानपुर में आ जाएगी। जबकि पूर्व में यह तय था कि यात्रा 24 या 25 नवंबर के आसपास प्रदेश में आएगी। इधर राहुल गांधी की इस यात्रा में प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह के साथ ही अरुण यादव और जीतू पटवारी जैसे नेताओं की प्रतिष्ठा भी दाव पर होगी।

इस यात्रा को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने व्यापक तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह साहित सभी बड़े नेताओं को राहुल गांधी की यात्रा के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है।

दरअसल जिस तरह से दक्षिण भारत में राहुल गांधी की यात्रा को अच्छा रिस्पांस मिला है, उसने मध्य प्रदेश के नेताओं की धड़कन को बढ़ा दिया है। अब मध्य प्रदेश में भी इस यात्रा को वैसा ही रिस्पांस मिले, इसकी जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं के ऊपर आ गई है। इसके चलते ही दिग्विजय सिंह शुक्रवार को यात्रा बीच में छोड़कर भोपाल आए और यहां पर उन्होंने अहम बैठक कर प्रदेश में यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर होने वाली बैठक में हिस्सेदारी दी।

*इनके प्रभाव वाले क्षेत्रों से गुजरेगी यात्रा*

यात्रा बुरहानपुर से प्रदेश में प्रवेश करेगी। यह जिला प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव के प्रभाव वाला माना जाता है। इसी तरह खंडवा और खरगौन भी अरुण यादव के प्रभाव वाला जिला है। इस लोकसभा सीट से अरुण यादव एक बार सांसद भी रह चुके हैं। जबकि खरगौन जिले का बोरावां उनका पैतृक गांव हैं। वहीं इंदौर दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है। जीतू पटवारी यहां से विधायक है और राहुल गांधी से सीधे जुड़े हुए भी हैं। वहीं उज्जैन जिला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के करीबी सज्जन सिंह वर्मा और दिग्विजय सिंह के करीबी प्रेम चंद गुड्डू के प्रभाव वाला है। वहीं आगर जिला दिग्विजय सिंह के प्रभाव वाला माना गया है। इसलिए इन सभी नेताओं की राजनीतिक प्रतिष्ठा राहुल गांधी की इस यात्रा में दाव पर लगेगी।