UPSC टॉपर रहे IAS शाह फ़ैसल ने ऋषि सुनक के बहाने विपक्षी पार्टी और इस्लामी देशों पर साधा निशाना
जानिए क्या कहा शाह ने
नई दिल्ली ब्यूरो
UPSC टॉपर रहे शाह फैसल विभिन्न कारणों से हमेशा चर्चा में रहे हैं लेकिन इस वक्त हम उनकी चर्चा कर रहे हैं उनके द्वारा किए गए ट्वीट पर जिसमें उन्होंने ऋषि सुनक के बहाने विपक्षी पार्टी के नेताओं और इस्लामी देशों पर निशाना साधा है.
भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव के नाम पर सरकार को घेरने की कोशिश में लगे लोगों को उन्होंने ट्वीट कर जवाब दिया है.
उन्होंने लिखा, “यह सिर्फ भारत में ही संभव है कि कश्मीर का एक मुस्लिम युवा भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में टॉप कर सकता है, सरकार में शीर्ष पदों पर पहुंच सकता है, फिर सरकार से अलग हो सकता है. अलग होने पर भी वही सरकार उसे बचा सकती है और वापस नौकरी में ले सकती है.”
उन्होंने कहा, “ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री बनना हमारे पड़ोसियों के लिए आश्चर्य की बात हो सकती है जहां संविधान गैर-मुसलमानों को सरकार में शीर्ष पदों पर पहुंचने से रोकता है, लेकिन भारतीय लोकतंत्र ने कभी भी जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ दूसरों की तुलना में भेदभाव नहीं किया है.”
It's possible only in India that a Muslim youngster from Kashmir can go on to top the Indian Civil Service exam, rise to top echelons of the government, then fall apart with the government and still be rescued and taken back by the same government. Rishi Saunak's appointment 1/4
— Shah Faesal (@shahfaesal) October 25, 2022
साल 2010 में यूपीएससी टॉप करने वाले शाह फ़ैसल ने 9 जनवरी, 2019 को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
दूसरे ट्वीट में शाह फ़ैसल ने लिखा, “किसी दूसरे तथाकथित इस्लामी देश के मुकाबले भारतीय मुसलमान को दूसरे नागरिकों की तरह की स्वतंत्रता मिली हुई है जो अल्कपनीय है.”
नौकरी छोड़ने के बाद शाह फै़सल ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के नाम से अपनी राजनीतिक पार्टी शुरू की थी, लेकिन जल्द ही इसे भी छोड़ने का फैसला कर लिया और सरकार में वापसी की.
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “मेरी जिंदगी एक यात्रा है जो 1.3 अरब लोगों के इस देश के हर नागरिक के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है. जहां मैंने हर कदम पर सम्मान, प्रोत्साहन और कई बार लाड़-प्यार महसूस किया है. यह भारत है.”
“मौलाना आज़ाद से लेकर डॉ मनमोहन सिंह और डॉ. जाकिर हुसैन से लेकर महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक, भारत हमेशा समान अवसरों की जमीन रहा है और शीर्ष तक पहुंचने का रास्ता सभी के लिए खुला है.”
“गलत नहीं होगा अगर मैं कहूं कि मैं पहाड़ की चोटी पर गया हूं और वहां से इसे मैंने अपने लिए देखा है.”