मंत्रालय में हुआ मध्यप्रदेश गान एवं वंदे-मातरम गायन
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर मध्यप्रदेश गान, राष्ट्रगीत वंदे-मातरम एवं राष्ट्रगान “जन-गण-मन” का सामूहिक गायन मंत्रालय स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में हुआ। पुलिस बैंड ने मधुर धुनें प्रस्तुत की। मंत्रालय एवं संस्कृति विभाग के कलाकारों द्वारा राष्ट्र-गीतों की प्रस्तुति भी की गयी।
वंदे-मातरम गायन में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री शैलेंद्र सिंह, श्री विनोद कुमार, श्री एस.एन.मिश्र, श्री जे.एन. कंसोटिया, प्रमुख सचिव श्री मनीष सिंह, श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी सहित मंत्रालय, सतपुड़ा भवन और विंध्याचल भवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
मध्यप्रदेश गान
सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है,
माँ की गोद, पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है।
विंध्याचल सा भाल नर्मदा का जल जिसके पास है,
यहां ज्ञान विज्ञान कला का लिखा गया इतिहास है।
उर्वर भूमि, सघन वन, रत्न, सम्पदा जहां अशेष है,
स्वर-सौरभ-सुषमा से मंडित मेरा मध्यप्रदेश है।
सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है,
माँ की गोद, पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है।
चंबल की कल-कल से गुंजित कथा तान, बलिदान की,
खजुराहो में कथा कला की, चित्रकूट में राम की।
भीमबैठका आदिकला का पत्थर पर अभिषेक है,
अमृत कुंड अमरकंटक में, ऐसा मध्यप्रदेश है।
क्षिप्रा में अमृत घट छलका मिला कृष्ण को ज्ञान यहां,
महाकाल को तिलक लगाने मिला हमें वरदान यहां।
कविता, न्याय, वीरता, गायन, सब कुछ यहां विषेश है,
ह्रदय देश का है यह, मैं इसका, मेरा मध्यप्रदेश है।
सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है,
माँ की गोद, पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है।