Rumors of Making Governor : कहां से और क्यों उड़ती है ‘ताई’ को लेकर ऐसी अफवाह!
Indore : सुमित्रा महाजन उर्फ़ ‘ताई’ को राज्यपाल बनाने की अफवाह अकसर उड़ती रहती है। ये कहना ज्यादा सही होगा कि उनके समर्थक ऐसी अफवाह समय-समय पर उड़ाते रहते हैं। अभी तक 3 बार उन्हें राज्यपाल बनाने की ख़बरें उड़ी, पर जल्दी थम भी गई। चार दिन पहले भी दो लाइन का मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कि सुमित्रा महाजन को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया जा सकता है। जबकि, राजनीति और संविधान के जानकारों का मत है कि वे लोकसभा अध्यक्ष रह चुकी हैं जो सर्वोच्च संवैधानिक पदों में हैं। इसके बाद उन्हें उससे कमतर राज्यपाल का पद नहीं दिया जा सकता।
डेढ़ साल पहले भी उन्हें गोवा या महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाने का शिगूफा छोड़ा गया था। लेकिन, इस बार खुद ‘ताई’ ने पूछने पर इस बात को गलत बताया। जब पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था तब भी उनके समर्थकों ने उन्हें राज्यपाल बनाए जाने की बात कहकर अपना मन समझा लिया था। जबकि, लोग सुमित्रा ताई को बधाई देने भी पहुँचने लगे थे। सोशल मीडिया से लेकर फोन कॉल तक पर उन्हें बधाई मिलने लगी। इसके बाद सुमित्रा ताई ने कहा कि मुझसे तो किसी ने पूछा नहीं, यह बात न जाने कहां से आ गई!
यह कयास जरूर लगाए जा रहे हैं कि 2023 विधानसभा चुनाव से पहले सुमित्रा महाजन को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। इसके बाद से वह सक्रिय राजनीति में नहीं हैं। पार्टी के बड़े नेता इंदौर जाने पर ताई से मिलने जाते रहे हैं। रविवार को महाराष्ट्र से खबरें आई कि लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को राज्यपाल बनाया जा रहा है। ‘ताई’ खुद महाराष्ट्र के कोंकण के चिपलूण गांव की रहने वाली हैं और मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में उनके रिश्तेदारियां हैं।
सुमित्रा महाजन ने 8 बार इंदौर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष भी रही। लेकिन, इतने लम्बे राजनीतिक कार्यकाल के बावजूद उनके राजनीतिक समर्थकों की संख्या सीमित है। ‘ताई’ के आसपास गैर राजनीतिक लोगों का जमावड़ा है, जो उन्हें चर्चा में बनाए रखने के लिए ऐसे शिगूफे छोड़ा करता है। इस बार भी वही हुआ। जबकि, अभी तक जिस भी नेता को राज्यपाल बनाया गया, उसे लेकर पहले से कहीं, कोई चर्चा तक नहीं चली। थावरचंद गहलोत को मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद राज्यपाल बना दिया गया, पर कोई अफवाह नहीं उड़ी! फिर क्या कारण है कि सुमित्रा महाजन को राज्यपाल बनाने की खबर हमेशा अफवाह की आंच पर सिकती रहती है!
ख़ास बात ये कि हमेशा ही उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाने की ही बात की गई! दरअसल, ये नेताओं के ‘न्यूज़ मैनेजमेंट’ का हिस्सा है। जब उन्हें या उनके समर्थकों को लगता है कि उन्हें थोड़ी राजनीतिक तवज्जो मिल रही है, तो ये उसी समय एक नई बात और शुरू कर देते हैं कि शायद उनका तुक्का लग जाए! उन्हें राज्यपाल बनाने की बात का आधार ये बनाया गया कि उज्जैन के श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर एयरपोर्ट पर सुमित्रा महाजन से बातचीत की थी। लेकिन, किसी को यह नहीं पता कि दोनों के बीच क्या बात हुई और क्या नरेंद्र मोदी ने उन्हें राज्यपाल बनाने की कोई बात की है! लेकिन, तब से ‘ताई’ की राजनीतिक सक्रियता जरूर बढ़ गई।