IAS Reinstated : रिश्वत के आरोपी IAS की बहाली पर हंगामा! 

ACB ने की थी रिश्वतखोरी की जांच, लोकायुक्त से भी हुई थी शिकायत

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IAS Reinstated : रिश्वत के आरोपी IAS मंजूनाथ की बहाली पर कर्नाटक में हंगामा! 

Bengaluru : रिश्वतखोरी के आरोपी IAS अधिकारी जे मंजूनाथ को सरकार ने बहाल कर दिया। उनकी बहाली पर कर्नाटक में हंगामा हो गया। ACB ने रिश्वतखोरी की जांच की और फिर लोकायुक्त से भी इस मामले की शिकायत हुई थी।

कर्नाटक सरकार ने जे मंजूनाथ को बहाल कर संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया। मंजूनाथ को इसी साल रिश्वत के आरोप गिरफ्तार किया गया था। मंजूनाथ को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के अधिकारियों ने जुलाई में रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया था। तब वे बेंगलुरु (शहरी) उपायुक्त (डीसी) थे।

मई 2021 में ACB के अधिकारियों ने डिप्टी तहसीलदार महेश पीएस और ठेका कर्मचारी चेतन को भूमि विवाद पर डिप्टी कमिश्नर की अदालत से अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए 5 लाख की रिश्वत लेते हुए कथित रूप से गिरफ्तार किया था। वे उपायुक्त कार्यालय में कार्यरत थे। मामले की सुनवाई कर रहे कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंजूनाथ से पूछताछ नहीं करने के लिए ACB को कड़ी फटकार लगाई और गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया था।

 

ACB भंग कर केस को लोकायुक्त को भेजा गया

इस मामले में एसीबी निर्धारित 60 दिन में आरोप पत्र दाखिल नहीं कर पाई थी। इसके बाद सितंबर में एक विशेष अदालत ने जे मंजूनाथ को डिफॉल्ट जमानत दे दी। जमानत आदेश में अदालत ने यह भी कहा कि अधिकारी अदालत को सूचित किए बिना देश नहीं छोड़ सकता। जांच अधिकारी की अनुमति के बिना राज्य भी नहीं छोड़ सकता। बाद में राज्य सरकार ने एसीबी को भंग कर दिया और मामले लोकायुक्त को स्थानांतरित कर दिया।

चार अगस्त को कर्नाटक हाईकोर्ट ने IAS जे मंजूनाथ की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। वो बेंगलुरू के शहरी उपायुक्त (डीसी) थे जब उनके कार्यालय में रिश्वत की यह कथित घटना हुई थी। बेंगलुरु डीसी के पद से स्थानांतरित होने के कुछ ही दिनों बाद उन्हें 4 जुलाई को गिरफ्तार किया था। मंजूनाथ की गिरफ्तारी एक उप तहसीलदार की जमानत याचिका को लेकर हाई कोर्ट की टिप्पणियों के बाद हुई, जो पहले से ही उसी मामले में हिरासत में था।