Kissa-A-IPS: अनन्या अवस्थी:कभी लक्ष्य नहीं भूली, इसलिए सफलता भी मिली!
किसी के पास पढ़ाई और आगे बढ़ने के लिए सुविधाएं नहीं हो तो संघर्ष उसकी आदत बन जाता है। लेकिन, जिनके पास सारी सुविधाएं हो, वह संघर्ष को चुने, यह अपने आप में एकदम अलग और चुनौतीपूर्ण होता है। अनन्या अवस्थी की कहानी बिल्कुल ऐसी ही है। पिता आशुतोष अवस्थी रिटायर्ड IAS ऑफिसर है। घर में किसी बात की कोई समस्या नहीं। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से लॉ किया है। किसी के लिए यह उपलब्धि कम नहीं है। अपनी लॉ की डिग्री के जरिए वे प्रैक्टिस करके सफल एडवोकेट बन सकती थी। लेकिन, अनन्या ने अपने लिए कुछ और ही तय कर रखा था। भाई ने आईआईटी से इंजीनियरिंग की और वो खुद के स्टार्टअप के जरिए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रहा है। ऐसे में अनन्या का एक ही लक्ष्य था कि IAS/IPS बनना। उन्हें UPSC में चयन के बाद जो रैंक मिली, उसके हिसाब से उन्हें IPS मिला है।
अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्होंने दिल्ली जाकर तैयारी शुरू की। पहली कोशिश रंग लाई और चयनित भी हो गई, लेकिन रैंक पीछे होने के कारण उनका चयन IRTS भारतीय रेलवे ट्राफिक सेवाएं में हुआ। इस समय संतुष्ट नहीं थी उन्हें तो सिर्फ IAS/IPS बनना था। वे चाहती तो इंडियन रेलवे ट्राफिक सर्विस का विकल्प छोड़कर तैयारी करती, परंतु अनन्या ने इस सेवा को ज्वाइन किया और तैयारी जारी रखी। नतीजा ये हुआ कि वे UPSC में फिर चुन ली गई और रैंक में भी सुधार हो गया, पर मन की जगह जरूर नहीं मिली क्योंकि उनकी पहली प्राथमिकता तो IAS बनना ही था लेकिन वे निराश नहीं हैं वे IPS को भी अपनी सेवा का माध्यम मानती है।
सिविल सर्विसेज-2021 में अनन्या अवस्थी को 135वीं रैंक हासिल हुई। इससे पहले यूपीएससी -2019 में अनन्या 335 वीं रैंक के साथ चयनित हो चुकी थी। तब उन्हें भारतीय रेल ट्राफिक सर्विसेज मिली थी। लॉ ग्रेजुएट अनन्या का जब यूपीएससी में चयन हुआ तब वे भारतीय रेल प्रबंधन संस्थान लखनऊ में ट्रेनिंग ले रही थीं।
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अनन्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के लिए चयनित हुई थी। वे टाप-12 विद्यार्थियों में शामिल थी। लेकिन, वे लक्ष्य नहीं भूली और फिर UPSC की परीक्षा दी।
अनन्या का कहना है कि मेरी मेहनत तो है, पर परिवार के सहयोग से ही मैं यहां तक पहुंची हूं। मैं 2017 से यूपीएससी की तैयारी कर रही हूं और यह मेरा चौथा प्रयास था। मैंने टेस्ट सीरीज से ही ज्यादा समय तक पढ़ाई की है। मैंने ज्यादातर पढ़ाई घर पर ही की। मेरा चौथा अटेम्प्ट था, इसलिए मेरे लिए नयापन नहीं था। मुझे रिवीजन करना था और वही मैंने किया भी! मैंने पूरी पढ़ाई सिलेबस के हिसाब से ही की।
उन्होंने बताया कि पापा सिविल सर्विस में थे, वे ही मेरे प्रेरणास्रोत भी रहे। माता का प्रोत्साहन मेरे लिए हमेशा प्रेरणादाई रहा। पापा को नौकरी में देखते हुए लगा कि ये डाइनेमिक जॉब है और यही करना है। आईएएस और आईपीएस दोनों ही जॉब ऐसे हैं जिनमें पब्लिक से सीधा जुड़ाव रहता है। आप नेतृत्व की भूमिका में रहते हैं और लोक सेवा में बहुत से अवसर मिलते हैं। मैं समाज के पिछड़े वर्ग के साथ जुड़कर उनके लिए कुछ करना चाहती हूँ। मुझे आईपीएस मिला है और मैं अपराधों पर रोक के साथ समाज को बहुत कुछ दे सकती हूँ।
अनन्या के भाई अनिकेत अवस्थी ने आईआईटी खड़कपुर से बीटेक एमटेक डुएल कोर्स मैकेनिकल इंजीनियरिंग में किया है। उसके पश्चात उन्होंने अपना स्टार्टअप प्रारंभ किया है l।स्टार्टअप के अंतर्गत उनकी कंपनी इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन कार्य में संलग्न है। पूरे भारतवर्ष में उनके द्वारा अनेक चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन प्लांट एवं फार्मा कंपनी में नाइट्रोजन प्लांट डिजाइन कर बनाकर संचालित किए हैं।
अनन्या की माता डॉ किरण अवस्थी ने चाइल्ड साइकोलॉजी में पीएचडी किया है। उनका विशेष मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन अनन्या की सफलता में महत्वपूर्ण है।
सुरेश तिवारी
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