ईरान से चला हिजाब विरोधी आंदोलन भारत भी आ पहुंचा

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ईरान से चला हिजाब विरोधी आंदोलन भारत भी आ पहुंचा

_वरिष्ठ पत्रकार सुदेश गौड़ की विशेष रिपोर्ट_

ईरान से चला हिजाब विरोधी आंदोलन कोझिकोड के रास्ते भारत भी आ पहुंचा। ईरान में हिजाब की अनिवार्यता को लेकर सरकार के खिलाफ कई महीनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इस दौरान कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। हिजाब के खिलाफ शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन की आंच अब भारत के केरल राज्य तक आ पहुंची है।

केरल के कोझिकोड में 6 नवंबर रविवार को हिजाब जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान लोगों ने ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन के साथ अपनी एकजुटता का संदेश दिया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में युवतियां शामिल हुई थीं। वीएसके कोझीकोड के अनुसार कोझीकोड में ‘हिजाब जलाकर’ विरोध प्रकट करने की भारत में इस तरह की यह पहली घटना है।

सभी को झकझोरा

कोझिकोड में हिजाब को जलाने की पहली घटना ने जाहिर तौर पर सभी को झकझोर कर रख दिया है, चाहे वे हिजाब के पक्ष में हो या विपक्ष में। कोझिकोड में विरोध स्वरूप हिजाब जलाने का यह कार्यक्रम 18 दिसंबर, 2022 को मलप्पुरम में “स्वतंत्रलोकम” (फ्री वर्ल्ड) सेमिनार से पहले पायलट कार्यक्रम के रूप में 6 नवंबर को कोझीकोड टाउन हॉल क्षेत्र में आयोजित किया गया था।

‘फ़ानोस’ केरल युक्तिवादी संघम (केरल रैशनलिस्ट एसोसिएशन) की कोझीकोड और मलप्पुरम जिला समितियों द्वारा आयोजित एक ‘फ्री थॉट सेमिनार’ था। जो लोग इस कार्यक्रम के लिए आए थे, वे कोझीकोड टाउन हॉल के पास जमा हो गए और सार्वजनिक रूप से हिजाब जला दिया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में युवतियों ने भाग लिया।

सदमे में कट्टरपंथी

इस घटना के बाद से इस्लामिक कट्टरपंथियों में गहरा सदमा लगा है। यह क्रांतिकारी घटना उस समय हुई जब कोझीकोड शहर के प्रोविडेंस वीमेंस कॉलेज में कैंपस और क्लास में हिजाब की अनुमति नहीं देने पर अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन चल रहा था। मुक्त विचारकों ने इस आयोजन के माध्यम से कट्टरपंथियों को चुनौती दी है।

इस्लामी कट्टरपंथियों को जवाब

“हिजाब जलाओ” कार्यक्रम ने इस तथ्य को रेखांकित किया है कि इस्लामी कट्टरपंथियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इस्लामी समुदाय के भीतर के लोग ही काफी हैं।

ईरान से शुरू हुआ हिजाब विरोध

अभी तक ईरान में हिजाब विरोध का मामला गरमाया हुआ था।इस विरोध प्रदर्शन में कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी। दरअसल, ईरान में हिजाब विरोध प्रदर्शन के मामले में 22 वर्षीय महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी, जिसके बाद पूरे देश में लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। महसा पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने इस्लामी ड्रेस कोड का उल्लंघन किया था। इस हादसे के बाद से पूरे ईरान में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

डरी हुई है ईरान सरकार

ईरान में हिजाब के विरोध में जारी आंदोलन से वहां की सरकार डरी हुई है। वह राजधानी तेहरान में करीब एक हजार प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा चलाने की तैयारी कर रही है। सरकार प्रदर्शनकारियों पर तोड़फोड़ करना, मरे हुए सुरक्षा गार्डों से दु‌र्व्यवहार और सार्वजनिक संपत्ति में आग लगाने जैसे आरोप लगाए गए हैं।

प्रदर्शन रोकने की नाकाम कोशिश

इससे पहले सरकार की हिजाब विरोधी प्रदर्शनों को रोकने की सारी कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। प्रदर्शनकारी अभी भी आंदोलन को जारी रखे हुए हैं। सरकार इस आंदोलन को दुश्मन देशों की साजिश बता रही है।