IPS Officers Letter To CM: DG के चार अस्थाई पद मंजूर करने का आग्रह, दिया नियमों का हवाला

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IPS Officers Letter To CM:DG के चार अस्थाई पद मंजूर करने का आग्रह, दिया नियमों का हवाला

भोपाल: मध्यप्रदेश में पदस्थ ADG  रेंक के अफसरों को अब अपनी पदोन्नति की चिंता सताने लगी है। इसके चलते कुछ अफसरों ने मिलकर मुख्यमंत्री, गृहमंत्री सहित प्रमुख सचिव को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में इन अफसरों ने DG के अस्थाई पद दिए जाने की मांग शासन से की है।

पत्र में दूसरे राज्यों में मिल चुके DG वेतनमान वाले बैच का हवाला दिया गया है। अफसरों की सर्विस के सालों का भी जिक्र इस पत्र में किया गया है।

सूत्रों की मानी जाए तो कुछ आईपीएस अफसरों की ओर से यह पत्र भेजा गया है। जिसमें आईपीएस कॉडर रिव्यू 1954 नियम 4(2) का हवाला देते हुए शासन से मांग की है कि डीजी के अस्थाई पद राज्य शासन स्वीकृत कर सकता है। यदि चार अस्थाई पद डीजी के स्वीकृत हो जाएंगे तो आने वाले समय में कई अफसर डीजी वेतनमान तक पदोन्नत होकर रिटायर हो सकेंगे, यदि ये पद स्वीकृत नहीं हुए तो कई अफसर 30 साल से ज्यादा की सेवा देने के बाद भी डीजी के वेतनमान पाने से पहले ही रिटायर हो जाएंगे।

 *इस साल तक थे दो अस्थाई पद* 

प्रदेश में पिछले करीब 6 साल से डीजी के दो अस्थाई पद राज्य शासन ने दो-दो साल के लिए स्वीकृत किये थे। जबकि कॉडर और एक्स कॉडर के मिलाकर दस पद थे। इस तरह प्रदेश में 12 अफसर डीजी बन रहे थे। लेकिन इस साल यह दो पद की मियाद समाप्त हो गई इसके बाद सरकार ने इस प्रस्ताव को अब तक स्वीकार नहीं किया।

 *महज तीन सौ रुपए महीने का अतिरिक्त भार* 

बताया जाता है कि एडीजी और डीजी के वेतनमान में सिर्फ 300 रुपए महीने का अतिरिक्त भार एक अफसर के लिए सरकार पर आता है। इसलिए शासन को वित्तीय भार बहुत ज्यादा नहीं होगा। पत्र में यह भी बताया गया है कि देश के अधिकांश राज्यों में 1989 बैच के आईपीएस अफसरों को डीजी वेतन मान मिल रहा है। जबकि मध्य प्रदेश में इस बैच के 6 अफसर अभी एडीजी रैंक पर ही है।

*ये अफसर हैं जिन्हें मिल सकता है लाभ* 

वर्ष 1989 बैच में दस अफसर थे। इनमें से मुकेश जैन, अजय कुमार शर्मा और मिलिंद कानस्कर को डीजी वेतनमान मिल चुका है। इसमें से मिलिंद कानस्कर रिटायर हो गए हैं। वहीं इस बैच के संजय झा, जीपी सिंह, राजेश चावला, जीआर मीणा, सुशोभन बनर्जी और सुषमा सिंह मध्य प्रदेश में पदस्थ हैं। जिन्हें अस्थाई पदों की स्वीकृति के चलते लाभ मिल सकता है। इसी बैच के पीएल फलणिकर प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए 31 अक्टूबर को रिटायर हो गए।

 

 

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