…लंबा इंतजार कब मिलेंगी इन्हें जिलों की कमान, IPS बने बीता अरसा, पर नहीं जमा सरकार का इन पर भरोसा

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DPC For IPS Promotion:

…लंबा इंतजार कब मिलेंगी इन्हें जिलों की कमान, IPS बने बीता अरसा, पर नहीं जमा सरकार का इन पर भरोसा

भोपाल:प्रदेश में दस ऐसे आईपीएस अफसर हैं, जो जिलों में एसपी बनने की लंबे वक्त से बाट जोह रहे हैं। कुछ अफसरों को तीन साल IPS बने हो गए, जबकि कुछ अफसर एक साल से एसपी बनने की राह देख रहे हैं। वहीं दो अफसर ऐसे हैं जो IPS होने के बाद भी लगभग एक साल से राज्य पुलिस सेवा अफसरों को दिये जाने वाले पद पर भी पदस्थ हैं।

वर्ष 2019 में राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस बने सुशील कुमार रंजन लंबे समय से मैदान में नहीं गए हैं। वे राज्य पुलिस सेवा में थे, तब भी वे कुछ समय ही मैदानी पोस्टिंग पा सके थे, इसके बाद वे आईपीएस हो गए, लेकिन मैदानी पदस्थापना नहीं मिल सकी।

इसी तरह विकास पाठक, डॉ. वीरेंद्र मिश्रा, निश्चल झारिया, रचना ठाकुर, संजीव कुमार सिंहा, संजीव कुमार कंचन जब से IPS बने हैं तब से वे पुलिस मुख्यालय में एआईजी के पद पर ही पदस्थ हैं। हालांकि अभी इन अफसरों के पास जिलों के जाने के चांस हैं।

*रिटायरमेंट के करीब लेकिन नहीं बन सकी एसपी* 

वहीं 18 वीं बटालियन की कमांडेंट वर्ष 2009 बैच की IPS अनीता मालवीय अब रिटायरमेंट के करीब पहुंच गई हैं। उनका रिटायरमेंट अगले साल जुलाई में हैं, जनवरी में वे डीआईजी के पद पर पदोन्नत भी हो जाएगी, लेकिन वे किसी भी जिले में पुलिस अधीक्षक नहीं बन सकी। जबकि उनके बैच के सभी अफसर जिलों में कप्तानी कर चुके हैं। एक दर्जन से ज्यादा उनके बैच के अफसर अभी भी जिलों में पदस्थ हैं।

*ये एसपीएस वाले पद पर ही पदस्थ* 

प्रदेश में दो आईपीएस अफसर ऐसे हैं जो राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस तो बन गए, लेकिन वे अब तक ऐसे ही पद पर है जो वे राज्य पुलिस सेवा के दौरान पदस्थ थे। इसमें खरगौन जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह पंवार पिछले साल दिसंबर में आईपीएस हो गए थे, यहां पर एसपी उनके ही बैच के अफसर है। पंवार को एक साल से नई पोस्टिंग का इंतजार है। वहीं 13 वीं बटालियन एसएएफ में डिप्टी कमांडेंट मनोहर सिंह मंडलोई जब राज्य पुलिस सेवा के अफसर थे, तब भी वे इसी पद पर पदस्थ थे, अब वे आईपीएस हो गए तब भी वे डिप्टी कमांडेंट के पद पर ही पदस्थ हैं।