Ex Chief Secretary Arrested: पूर्व मुख्य सचिव IAS अधिकारी गिरफ्तार
नई दिल्ली: भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1990 बैच के अधिकारी अंडमान निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को आज गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल उनकी एंटीसिपेटरी बैल सेशंस कोर्ट से रिजेक्ट होने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
बता दें कि नारायण गैंगरेप चार्ज से घिरे हुए हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी अरेस्ट पर 28 अक्टूबर तक रोक लगाई थी।
सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में अंडमान निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण की अग्रिम जमानत याचिका गुरुवार को खारिज हो गई।
फैसले के तुरंत बाद पुलिसकर्मियों की एक टीम उस निजी रिसोर्ट पहुंची जहां नारायण में ठहरे हुए थे।
भारी सुरक्षा के बीच उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया। एसआईटी इस मामले में उनसे तीन बार पूछताछ कर चुका है।
बता दें कि एसआईटी का गठन उन आरोपों की जांच के लिए किया गया था कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह में 21 वर्षीय एक युवती को सरकारी नौकरी का झांसा देकर तत्कालीन मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण के घर ले जाया गया जहां आरोप है कि उनके सहित अन्य अधिकारियों ने उसके साथ बलात्कार किया।
पूर्व मुख्य सचिव नारायण, पूर्व श्रम आयुक्त आर एल ऋषि और व्यवसायी संदीप सिंह के खिलाफ 1 अक्टूबर को एफ आई आर दर्ज की गई थी। उस समय नारायण दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और एमडी थे। सरकार ने उन्हें 17 अक्टूबर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
अंडमान और निकोबार पुलिस ने 2 नवंबर को ऋषि और सिंह के बारे में सूचना देने वालों के लिए एक ₹100000 के इनाम की घोषणा की थी। दोनों अभी भी फरार हैं।
बताया गया है कि नारायण के लिए अग्रिम जमानत का अनुरोध करते हुए उनके वकील दीप कबीर ने कहा कि पूर्व मुख्य सचिव जांच में सहयोग कर रहे हैं और उन्हें राहत दी जानी चाहिए। पीड़िता की वकील चंद्र दास के अनुसार जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इस बात पर हैरानी जताई कि उन्हें राहत किस आधार पर मिलनी चाहिए क्योंकि मामले के दो अन्य आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका पहले से ही खारिज कर दी गई है।