Child Marriage Stopped: उड़नदस्ते ने ऐसे रोका बाल विवाह, अब दो साल बाद शादी!
Indore : देखा गया है कि युवा प्रेम के बंधन में बंधकर माता-पिता की बात मानने को भी तैयार नहीं होते। कुछ युगल माता पिता की सहमति नहीं होने पर ‘लिव-इन’ में रहने लगते है। समझाने पर वे जान तक देने का प्रयास करते है। इसी तरह का एक मामला बाल विवाह विरोधी उड़नदस्ता के सामने आया। सिमरोल थाना क्षेत्र के अंतर्गत बागोदा की 16 साल की लड़की ने माता पिता से पास के रहने वाले युवक के साथ प्रेम विवाह करने की बात कही।
माता पिता ने कम उम्र होने से विवाह के लिए मना करते हुए बाद में शादी करने की बात कही तो बेटी नाराज हो गई। उसने जहर खाकर जान देने का भी प्रयास किया। माता पिता बेटी के जहर खाने से घबरा गए और उसका विवाह कम उम्र के युवक के साथ करने को तैयार हो गए। मामले की सूचना मिलने पर महू परियोजना के अधिकारी सुशील चक्रवर्ती ने पर्यवेक्षक सीमा बुले के साथ जाकर समझाइश दी। माता-पिता ने विवाह न करने की बात मान ली।
बाद में दस्ते को सूचना मिली की युवती का विवाह हो गया है और वह ससुराल चली गई। मामले की सूचना पर उड़नदस्ता प्रभारी महेंद्र पाठक अपने साथी शैलेश शर्मा व देवेंद्र कुमार पाठक के साथ चाईल्ड लाईन की मोनिका वाघाये को लेकर पहुंचे। नाबालिग लड़की घर पर नहीं मिली तो उसे ससुराल में तलाश किया गया। वह वहां पर भी नहीं थी। बालिका के घर के पास एक दुकान पर लगे कैमरे को देखने पर मेहमानों के आने और दहेज का सामान लाने के साथ ही मेहमानों के आने-जाने की बात सही साबित हुई।
देर रात युवक मोटरसाइकिल से आया और नाबालिग युवती उसके साथ निकल गई। लंबे समय तक पूछताछ के बाद भी नाबालिग युगल के विवाह की कोई जानकारी नहीं मिली। माता-पिता ने भी बेटी की जिद और जहर खाने की बात बताते हुए उसके युवक के साथ रहने की बात कही। पाठक ने बेटी और युवक को समझाया पर वह नहीं मानी। दो दिन तक चले इस घटनाक्रम के बाद युवती ने दो साल बाद विवाह करने की बात मानकर युवक से मिलने और उसे खाना देने जाने की बात कही। माता पिता ने भी दोनों को बातचीत करने और खाना देने के लिए हामी भरी। दल को सतत प्रयास कर समझाने के बाद ही बाल विवाह रोकने में सफलता मिली।