Fear of Judges : जजों को निशाना बनाए जाने का डर, इसलिए जमानत नहीं दे रहे !
New Delhi : मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि जमीनी स्तर पर न्यायाधीश निशाना बनाए जाने के डर से जमानत देने से हिचकते हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक समारोह में CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि जमानत देने के लिए जमीनी स्तर पर अनिच्छा के कारण उच्च न्यायपालिका जमानत आवेदनों से भर गई है। जमीनी स्तर पर न्यायाधीश जमानत देने के लिए अनिच्छुक हैं, इसलिए नहीं कि वे अपराध को नहीं समझते हैं। लेकिन, जघन्य मामलों में जमानत देने के लिए निशाना बनाए जाने का डर रहता है।
CJI चंद्रचूड़ 9 नवंबर को भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश बने। उनका कार्यकाल 10 नवंबर, 2024 तक होगा। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित का स्थान लिया, जो 9 नवंबर को अपने पद से रिटायर हुए।
इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे। उन्होंने तबादलों को लेकर कई वकीलों के CJI से मिलने पर चिंता जताई। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मैंने सुना है कि कुछ वकील ट्रांसफर केस के संबंध में CJI से मिलना चाहते हैं। यह एक व्यक्तिगत मुद्दा हो सकता है, लेकिन अगर यह कॉलेजियम द्वारा हर निर्णय के लिए एक आवर्ती उदाहरण बन जाता है, जिसे सरकार का समर्थन प्राप्त है, तो यह कहां तक ले जाएगा? पूरा आयाम बदल जाएगा!