मंत्री और ब्यूरोक्रेट्स में तनातनी

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मंत्री और ब्यूरोक्रेट्स में तनातनी

एक सरकारी कार्यक्रम में मंत्री के भाषण के दौरान कलेक्टर द्वारा फोन पर बात करने को लेकर हुए विवाद के बाद राजस्थान में मंत्री और ब्यूरोक्रेट्स के बीच तनातनी हो गई है। मामला यहां तक बढ़ गया है कि ब्यूरोक्रेट्स के एसोसिएशन IAS एसोसिएशन ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन मुख्य सचिव उषा शर्मा को सौंपा।
ज्ञापन में उन्होंने कुछ जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों द्वारा अधिकारियों को निशाना बनाए जाने की हालिया घटना का जिक्र करते हुए कतिपय मंत्रियों के व्यवहार को निंदनीय और अस्वीकार्य बताया है।

दरअसल राजस्थान के बीकानेर शहर में एक कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज्य मंत्री रमेश मीणा ने मंच पर बैठे जिला कलेक्टर द्वारा मोबाइल फोन देखे जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। इस पर जिला कलेक्टर बिना कुछ बोले में चले गए हालांकि कुछ देर बाद वे मंच पर वापस लौट आए।
मीणा इस कार्यक्रम में महिलाओं को संबोधित कर रहे थे और मंच पर जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल सहित अन्य लोग बैठे हुए थे।
अपने भाषण के दौरान ही मंत्री की नजर जब कलेक्टर पर पड़ी तो उन्होंने देखा कि वे मोबाइल फोन पर व्यस्त हैं। इस पर आपत्ति जताते हुए मंत्री ने कहा आप हमारी बात क्यों नहीं सुन रहे हैं? क्या इस सरकार पर नौकरशाह (ब्यूरोक्रेट) इतने हावी हो गए हैं?
इसके जवाब में कलेक्टर बिना कुछ बोले उठ खड़े हुए। उसी समय मंत्री ने कहा ‘आप यहां से चले जाइए’ । इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
बताया गया है कि मंत्री मीणा यहां आजीविका योजना के तहत लाभ ले रही महिलाओं से संवाद कर रहे थे।
एक टीवी चैनल द्वारा संपर्क करने पर मंत्री ने कहा कि उनके संबोधन के दौरान उठाए गए मुद्दों को कलेक्टर ने नहीं सुना। मंत्री ने कहा महिलाओं ने मनरेगा जैसी योजनाओं के बारे में कुछ बातें कही थी और मैंने कलेक्टर को यह बताया लेकिन उन्होंने नहीं सुना और वे अपने फोन को देखने में ही व्यस्त रहे। वे बार-बार फोन पर बात कर रहे थे। मीणा ने कहा एक मंत्री कलेक्टर को कुछ महत्वपूर्ण बात बता रहा है और कलेक्टर अपने फोन में व्यस्त रहें, यह लापरवाही है, इससे जनता में क्या संदेश जाता है?
उन्होंने पूछा कि जब आप मंत्री की बात नहीं सुनेंगे तो आम आदमी की कैसे सुनेंगे? और उनकी शिकायतों का समाधान कैसे होगा?
मंत्री ने कहा कि घटना के बारे में वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे और कलेक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के बाद जिला परिषद में समीक्षा बैठक में भी कलेक्टर ने वही रवैया दिखाया।
इस घटना को लेकर प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है।

बता दें कि कलाल भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2011 बैच के अधिकारी हैं और इसी साल फरवरी में सिरोही से ट्रांसफर होकर बीकानेर के कलेक्टर बनाए गए।