IAS Against Minister : मंत्री पर कार्रवाई को लेकर IAS एसोसिएशन एकजुट, CM का इंतजार!

IPS और IFS एसोसिएशन भी IAS के समर्थन में उतर आई!

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IAS Against Minister : मंत्री पर कार्रवाई को लेकर IAS एसोसिएशन एकजुट, CM का इंतजार!

Jaipur : राजस्थान के IAS अधिकारियों ने एक मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ मोर्चा खोल लिया। पहली बार IAS एसोसिएशन किसी मंत्री से विवाद  बाद लामबंद हुई है। एसोसिएशन ने दूसरी बार मुख्य सचिव उषा शर्मा से मुलाकात कर मंत्री मीणा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
IAS एसोसिएशन ने कहा कि ऐसे माहौल में काम करना संभव नहीं है। पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा के बीकानेर कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल को एक कार्यक्रम में फोन पर बात करने पर बाहर जाने को कह दिया था। इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया।

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यह पहली घटना है जब IAS अफसरों ने इस तरह किसी मंत्री के खिलाफ चेतावनी दी है। आईपीएस और आईएफएस एसोसिएशन भी IAS के समर्थन में उतर आई हैं। दोनों एसोसिएशन ने भी मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। एसोसिएशन के सचिव डॉ समित शर्मा के मुताबिक, अगर एक-दो दिनों में इस मामले में संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई तो अफसरों में नाराजी और बढ़ेगी।

*इसके पीछे पायलट-गहलोत पेंच* 
राजस्थान में आम तौर पर IAS एसोसिएशन किसी मंत्री से विवाद होने पर इस तरह से प्रतिक्रिया नहीं करती! राजनीतिक और ब्यूरोक्रेसी में इस विवाद को लेकर गुटबाजी की भी चर्चाएं हैं। मंत्री रमेश मीणा सचिन पायलट गुट के हैं, तो माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खुश करने के लिए कुछ IAS भी इस प्रकरण को हवा दे रहे हैं। छह महीने में रमेश मीणा ऐसे पांचवे मंत्री हैं, जिनका किसी IAS से विवाद हुआ है। पहले के मामलों में IAS एसोसिएशन ने किसी मंत्री के खिलाफ कार्रवाई या माफी की मांग नहीं की थी। इन मंत्रियों में अशोक चांदना, प्रताप सिंह खाचरियावास, बीडी कल्ला, महेश जोशी शामिल हैं।

इस मामले को आईएएस एसोसिएशन बहुत सख्त और आक्रामक ढंग से उठा रही है। लेकिन, राजस्थान के इतिहास में केवल एक बार ही मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई, जब उनसे मंत्री पद छीन लिया गया था। यह मामला 1995-96 का है जब भैरोंसिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे। तब सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी ने IAS पीके देव को थप्पड़ मार दिया था।

*कुलदीप रांका से मांग*
आईएएस एसोसिएशन ने CMO में प्रमुख सचिव कुलदीप रांका इस मामले में मदद मांगी है। एसोसिएशन को रांका ने मुख्यमंत्री गहलोत के सामने इस मामले को पेश कर जल्द ही कोई उचित हल निकालने का आश्वासन दिया है। राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में आम तौर पर IAS अफसरों के हर मसले की पैरवी मुख्य सचिव ही करते हैं। उनका असली बॉस मुख्य सचिव ही होता है। लेकिन, इस बार आईएएस एसोसिएशन सीधे खुद ही मुख्यमंत्री से मिलना चाह रही है। वे गहलोत के जयपुर आने तक इंतजार कर रहे हैं। इसके बावजूद एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को फिर से CS से मुलाकात की।