MIC Meeting : हुकुमचंद मिल के मजदूरों को उनके हक़ का पैसा एजेंसी के जरिये मिलेगा!

महापौर परिषद् की बैठक में फैसला, 350 करोड़ के कार्यों को मंजूरी

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MIC Meeting : हुकुमचंद मिल के मजदूरों को उनके हक़ का पैसा एजेंसी के जरिये मिलेगा!

Indore : नगर निगम की महापौर परिषद (MIC) की बैठक हुई। इस बैठक में हुकुमचंद मिल के मजदूरों का सालों से बकाया लंबित के भुगतान को लेकर एक एजेंसी बनाना तय किया गया। इसके तहत नगर निगम के माध्यम से एक एजेंसी बनाई जाएगी जो मजदूरों का पैसा कोर्ट की अनुमति से देगी। मिल की जमीन पर शहर के हित में कोई नया इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जाएगा।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि यह प्रकरण कई साल से कोर्ट में लंबित है। उसे हल करने के लिए हमने प्रयास किया है। हम प्रस्ताव तैयार कर कोर्ट की अनुमति के साथ आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे है। मप्र औद्योगिक विकास निगम की मदद लेने का भी प्रस्ताव किया है, ताकि स्पेशल एमओयू के जरिये जो धनराशि प्राप्त हो उससे मजदूरों का भुगतान व अन्य भुगतान कोर्ट की अनुमति से किए जाएं। मिल की जमीन का मालिकाना हक़ नगर निगम के पास है। नया प्रस्ताव हम कोर्ट के समक्ष रखेंगे। हमें विश्वास है कि मजदूरों के अधिकारों के हित में यह बड़ा फैसला होगा, जिससे आगे भी अन्य मिलों के मजदूर जो संघर्षरत हैं उनके मामले को भी दिशा मिल सकेगी।

5895 मजदूरों को पैसा मिलेगा
30 सालों से बंद पड़ी हुकमचंद मिल के 5895 मजदूरों के लिए नगर निगम के स्तर पर यह बड़ा है। नगर निगम के प्रस्ताव के मुताबिक, मिल मजदूरों को कोर्ट द्वारा तय किए गए 229 करोड़ रुपए का भुगतान नगर निगम करेगा। जबकि, मिल की 42 एकड़ से ज्यादा जमीन का उपयोग नगर निगम को करने की अनुमति कोर्ट से मांगी जाएगी। हुकुमचंद मिल की जमीन नगर निगम ने 100 साल पहले लीज पर सर सेठ हुकमचंद को दी थी।
1992 में मिल के बंद होने के बाद से ही इसमें काम करने वाले मजदूरों को उनकी ग्रेच्युटी और अन्य पैसा नहीं मिला। जिसके चलते मजदूरों ने कोर्ट में केस लगा रखा है। 2007 में हाई कोर्ट ने मिल की जमीन बेचकर मजदूरों को 229 करोड़ रुपए का भुगतान करने के आदेश दिए थे। जिसके खिलाफ कोर्ट में लगातार केस चल रहे हैं। ऐसे में मिल की जमीन का भी उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसके चलते निगम ने इसका नया रास्ता निकाला है। इसके तहत हाई कोर्ट में निगम की और से एक अपील की जाएगी, जिसमें मजदूरों का पैसा निगम से देने और जमीन का उपयोग अपने हिसाब से करने की छूट मांगी जाएगी।

कई प्रस्तावों को स्वीकृति
महापौर ने बताया कि शुक्रवार को हुई बैठक में करीब 350 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति दी गई। इसमें शहर की कई बड़ी ड्रेनेज लाइनें, पानी की लाइनें, सड़कें शामिल हैं। उदहारण के लिए सुदामा नगर को अन्नपूर्णा रोड से जोड़ने वाली मास्टर प्लान की मॉडल सड़क का निर्माण किया जायेगा जिससे ट्रैफिक का दबाव कम होगा। नगर निगम परिषद के हॉल का निर्माण पूर्ण किया जाएगा। हमने कहा था कि निगम परिषद की बैठक निगम के परिषद हॉल में ही हो। हॉल के रुके हुए कार्य को शुरू कराया गया था और अब उसका इंटीरियर कराया जाएगा।