शहरों की सड़कें सुधारने चाहिए 843 करोड़, जनवरी में 1700 किमी सड़कों के काम

पैचवर्क का काम निकायों के जिम्मे, विभाग रोज ले रहा जिलों से अपडेट

488

शहरों की सड़कें सुधारने चाहिए 843 करोड़, जनवरी में 1700 किमी सड़कों के काम

भोपाल: नगरीय विकास और आवास विभाग को प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में उखड़ी सड़कों की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए 843 करोड़ चाहिए। ऐसे में शहरी इलाकों में खराब हुई 2850 किमी सड़कों की मरम्मत के लिए विभाग को द्वितीय अनुपूरक बजट का इंतजार है। दिसम्बर में अनुपूरक बजट आने के बाद जनवरी से इसका काम शुरू हो सकेगा। इस बजट में विभाग ने 770 करोड़ रुपए की डिमांड सरकार से की है। इसके अलावा 73 करोड़ रुपए निकाय अपनी ओर से खर्च करेंगे। ये वे सड़कें हैं जो शहरी क्षेत्र में नगरीय निकायों के अधीन हैं।

प्रदेश का दूसरा अनुपूरक बजट आने के बाद शहरी क्षेत्रों की 1100 किमी सड़कों के नवीनीकरण का काम जनवरी से जून 2023 के बीच किया जाएगा, वहीं फरवरी से अक्टूबर 2023 के बीच 628 किमी सड़कों के मजबूतीकरण का काम विभाग करेगा। इस बीच सवा 11 सौ किमी सड़कों के पैचवर्क का काम भी किया जा रहा है। इसकी अपडेट रोज विभाग द्वारा जिलों और संभागों से मांगी जा रही है।

कायाकल्प अभियान में सुधरेंगी सड़कें
नगरीय विकास और आवास विभाग द्वारा कायाकल्प अभियान के अंतर्गत उखड़ी सड़कों का पैचवर्क, नवीनीकरण और मजबूतीकरण करने का काम किया जा रहा है। इन तीनों ही तरीकों से किए जाने वाले काम में 2800 किमी सड़कों का पैचवर्क, नवीनीकरण और मजबूतीकरण किया जाना है। इसके लिए विभाग को कुल 843 करोड़ रुपए की जरूरत है। सूत्रों का कहना है कि सबसे अधिक खराब सड़कें भोपाल संभाग के नगरीय निकायों में 667 किमी हैं जिसके लिए संभाग के निकायों को 193 करोड़ रुपए की जरूरत है। इसके बाद इंदौर संभाग को 521 किमी सड़कों के सुधार के लिए 107 करोड़, ग्वालियर संभाग को 413 किमी सड़कों के लिए 148 करोड़, जबलपुर संभाग को 380 किमी सड़क सुधार के लिए 135 करोड़, उज्जैन संभाग को 319 किमी सड़क सुधारने के लिए 109 करोड़ रुपए चाहिए। इसी तरह सागर संभाग की खराब 277 किमी सड़कों के लिए 48 करोड़, रीवा संभाग की 171 किमी सड़कों के लिए 44 करोड़ और शहडोल संभाग की 106 किमी खराब सड़कों के पैचवर्क, नवीनीकरण, मजबूतीकरण के लिए 29 करोड़ रुपए चाहिए।

खुदाई के बाद रेस्टोरेशन जारी, अभी भी 4200 किमी सड़कें खुदीं
प्रदेश में शहरी क्षेत्र की 4200 किमी सड़कों का रेस्टोरेशन अभी भी किया जाना बाकी है। इसमें से 2200 किमी सड़कों को जल प्रदाय और 2000 किमी सड़क की सीवरेज लाइन डालने के लिए खोदने का काम किया गया है। अमृत 1.0 और एमपी अर्बन डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमपीयूडीसी) की परियोजनाओं में खोदी गई इन सड़कों के रेस्टोरेशन को लेकर नगरीय विकास और आवास विभाग लगातार एक्टिव है। खुद प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई पूरे मामले की मानीटरिंग कर रहे हैं और प्रतिदिन होने वाले डेवलपमेंट की रिपोर्ट मंगा रहे हैं। बताया जाता है कि अमृत योजना के अंतर्गत नगर निगम, नगरपालिका और नगर निगम परिषदों की 6600 किमी सड़क जल प्रदाय और 4700 किमी सड़क सीवरेज के चलते खोदी गई थी। इन सड़कों के रेस्टोरेशन को लेकर विभाग की सख्ती के बाद अब तक जलप्रदाय के लिए खोदी गई 6500 किमी सड़क और सीवरेज लाइन के लिए खोदी गई 3500 सड़क का रेस्टोरेशन किया गया है। अभी भी जल प्रदाय की 100 किमी और सीवरेज लाइन के लिए खोदी गई 1100 किमी सड़क का रेस्टोरेशन किया जाना बाकी है। इसी तरह एमपीयूडीसी द्वारा जल प्रदाय के लिए 7800 किमी और सीवरेज के लिए 1600 किमी सड़कों की खुदाई कराई गई थी जिसमें से जल प्रदाय की 5700 किमी और सीवरेज के लिए खुदी 700 किमी सड़कों का रेस्टोरेशन हो पाया है। इस तरह एमपीयूडीसी द्वारा संचालित परियोजनाओं में 900 किमी सड़कों का रेस्टोरेशन किया जाना शेष है।