6 साल से उपनिरीक्षकों की नहीं हुई भर्ती, 750 से ज्यादा पद खाली
भोपाल: मध्य प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षकों के साढ़े सात सौ से ज्यादा पद खाली पडेÞ हुए हैं, इसके बाद भी 6 साल से ज्यादा हो गए इनकी भर्ती नहीं हुई है। इनकी आखिरी बार भर्ती वर्ष 2016 में हुई थी। इसके बाद से शासन के पास उपनिरक्षकों की भर्ती को लेकर बार-बार प्रस्ताव पहुंच रहे हैं, लेकिन इन प्रस्तावों की मंजूरी नहीं मिल पा रही है।
प्रदेश में पुलिस आरक्षकों की इस बार साढ़े सात हजार की भर्ती होना है। इससे पहले 6 हजार पुलिस आरक्षकों की भर्ती हुई। पुलिस आरक्षकों की भर्ती तो हो रही है,लेकिन पुलिस उपनिरीक्षकों की भर्ती नहीं की जा रही है। वर्ष 2016 में पुलिस आरक्षकों और पुलिस उपनिरीक्षकों की भर्ती हुई थी। इसके बाद से प्रदेश में पुलिस उपनिरीक्षकों की भर्ती नहीं हुई। जबकि प्रदेश में इनके साढ़े सात सौ से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। इसमें जिला पुलिस बल, विशेष सशस्त्र बल और प्रशिक्षण के पद शाामिल हैं। ये सभी पद उपनिरीक्षकों की सीधी भर्ती के हैं।
सूत्रों की मानी जाए तो इस संबंध में पिछले कुछ सालों में चार बार प्रस्ताव शासन के पास जा चुका है। कोरोना के बाद जब 6 हजार पुलिस आरक्षकों की भर्ती की जा रही थी, उस दौरान 450 उपनिरीक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन प्रस्ताव को मंजूर नहीं मिल सकी। इससे पहले भी इनते ही उपनिरीक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था,वह भी मंजूर नहीं हुआ। अब फिर से 500 के लगभग उपनिरीक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। उपनिरीक्षकों के 400 से ज्यादा पद जिला बल में खाली पड़े हुए हैं। वहीं विशेष सशस्त्र बल में तीन सौ के लगभग पद खाली हैं।
चार स्तर पर होती है पुलिस में भर्ती
पुलिस में चार स्तरों पर भर्ती होती है। आरक्षक की भर्ती के बाद उपनिरीक्षकों की सीधी भर्ती होती है। इसी तरह डीएसपी की भी सीधी भर्ती होती है इन तीन स्तर के अलावा आईपीएस बनकर भी पुलिस में अफसर आते हैं। उपनिरीक्षकों की सीधी भर्ती वाले अफसर पदोन्नत होकर डीएसपी तक का पद तक आसानी से आ जाते हैं।