काशी व तमिलनाडु दोनों में भारतीय संस्कृति के सभी तत्व एक समान समाहित बोले डा. शर्मा

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काशी व तमिलनाडु दोनों में भारतीय संस्कृति के सभी तत्व एक समान समाहित बोले डा. शर्मा

*इटारसी से वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट*

इटारसी। देश को एकता के सूत्र में बांधने एवं देश की परंपरा और विरासत को मजबूत करने हेतु वाराणसी में आयोजित ‘काशी-तमिल संगमम् के यात्रियों का रेलवे स्टेशन पर अभूतपूर्व स्वागत आज पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के नेतृत्व में किया गया। यहां प्लेटफार्म नंबर 07 पर आत्मीय स्वागत में विधायक डॉ शर्मा ने यात्रियों को चंदन का तिलक लगाकर, ओम नम: शिवाय का अंग वस्त्र ओढ़ाकर, वनक्कम बोलकर स्वागत किया। इस अवसर आज के स्वागत कार्यक्रम संयोजक नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे, भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिला अध्यक्ष जयकिशोर चौधरी, जेडआरयूसीसी सदस्य राजा तिवारी, नगरपालिका उपाध्यक्ष निर्मल सिंह राजपूत, सभापति राकेश जाधव, मंजीत कलोसिया,पार्षद गण जिम्मी कैथवास, अमित विश्वास, शुभम गौर, कुंदन गौर, दिलीप गोस्वामी, नगर मंडल महामंत्री राहुल चौरे, संजीव हुरा, महिला मोर्चा जिला मंत्री ममता मालवीय, महिला मोर्चा अध्यक्ष बबिता चौहान, नगर मंडल इटारसी जागृति भदोरिया, महामंत्री राजकली बाबरिया, उपाध्यक्ष राजकुमारी वर्मा, नगरमंत्री विधि पचौरी, सह मीडिया प्रभारी विभा मालवीय, कोषाध्यक्ष क्षमा चावरे, ममता सोनी, रामवती वरखने, माया वरते, नगर मंत्री सरला लोट, माधुरी गौर, रानी रजत, भाजपा नेता देवेंद्र पटेल, डॉ मेजर पीएम पहाड़िया, आशीष मालवीय, ऋषभ चौहान, जिला मंत्री भाजयुमो गोपाल शर्मा, मनीष गालर, सोहन चौहान, शुभम पटेल, शुभम गौर, शुभम राजपूत, सौरभ राजपूत, शशांक मालवीय, सुधीर गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे।

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इस अवसर पर विधायक डॉ शर्मा ने कहा कि काशी और तमिलनाडु में भारतीय संस्कृति के सभी तत्व समान रूप से संरक्षित हैं। तमिल भाषा का साहित्य अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है। यह मान्यता है कि भगवान शिव के मुंह से जो दो भाषाएं निकलीं, उनमें तमिल और संस्कृत समान रूप से एक साथ निकलकर अपने समृद्ध साहित्य के लिए जानी जाती है।

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विधायक डॉ शर्मा ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य का विषय तमिलनाडु के लोग काशी विश्वनाथ के दर्शन किए जा रहे हैं, वास्तव में भारत एक है। इसी इंटीग्रिटी को मजबूत करने के लिए, एक दूसरे से जोड़ने के लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह यात्रा कार्यक्रम बनाया है। डॉ शर्मा ने कहा कि वास्तव में आदि शंकराचार्य ने भारत को जोड़ा था। गंगोत्री से गंगा जल रामेश्वरम में चढ़ाया जाता था। आज उसी परंपरा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुनर्जीवित किया है। मैं तमिलनाडु से जो हमारे साथी आए हैं, उनका बहुत-बहुत अभिवादन, अभिनंदन करता हूं। उनका उत्साह और समर्पण भारत माता के प्रति वास्तव में सराहनीय है सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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काशी की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत और तमिलनाडु की भाषा व ज्ञान की बौद्धिक एवं कलात्मक विरासत का यह महासंगम राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का प्लेटफॉर्म है और इस दिशा में कार्य करने की प्रेरणा देगा।