The Kashmir Files: नादव लापिड के समर्थन में IFFI के जूरी मेंबर्स भी आए!
New Delhi : ‘द कश्मीर फाइल्स’ साल की सफल फिल्मों में से एक है। कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनी इस फिल्म की कहानी में 90 के दशक के कश्मीर के हालात दिखाए गए हैं। विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी यह फिल्म एक बार फिर यह फिल्म चर्चा में है। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) ज्यूरी के दो विदेशी सदस्यों ने नादव लापिड के बयान का समर्थन किया है।
गोवा के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (IFFI) में इजराइल के फिल्म मेकर नादव लापिड ने इस मूवी को प्रोपेगेंडा और वल्गर बताया था। तब से ही ‘ द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर नया विवाद छिड़ गया है। दुनियाभर से नादव लापिड का जमकर विरोध किया गया। मगर कुछ ने उनके समर्थन में भी बात कही। IFFI के तीन जूरी मेंबर ने भी उनका समर्थन किया है।
इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया जूरी के दो विदेशी सदस्यों इजराइली फिल्म मेकर नादव लापिड के बयान का समर्थन किया। नादव लापिड के ‘द कश्मीर फाइल्स’ को प्रोपेगेंडा बताने के बाद जूरी के दो और मेंबर्स ने उनके पक्ष में बोला है। संपादक पास्कल चावांस ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह एक प्रोपेगेंडा फिल्म है। मुसलमानों को बिना वजह मॉन्सटर के रूप में पेश किया गया। इनके अलावा जूरी मेंबर्स में बाफ्टा विजेता निर्माता जिन्को गोटोह थे, जिन्होंने नादव के बयान का समर्थन किया। इसके साथ ही स्पेनिश फिल्म निर्माता जेवियर अंगुलो बारटुरेन ने भी उनके बयान का समर्थन किया था।
जूरी ने किया बयान से किनारा
नादव लापिड के बयान के बाद से ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर छिड़ी जंग के बाद भारतीय फिल्म निर्देशक सुदीप्तो सेन, जो अंतरराष्ट्रीय फिल्म जूरी का हिस्सा थे, ने लापिड के बयान को निजी बताकर खुद को और बाकी सदस्यों को इससे अलग रखा।
नादव लापिड ने मांगी थी माफी
‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर बोले गए शब्दों के बाद नादव लापिड ने माफी तक मांगी, लेकिन फिल्म मेकर विवेक अग्निहोत्री ने उनकी बात पर गौर नहीं किया। विवेक ने कहा कि मुझे इस चीज से फर्क नहीं पड़ता कि उन्होंने क्या कहा। मेरे लिए बात खत्म हो गई। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता वह क्या कहते हैं, क्या नहीं कहते हैं।