यहां दिव्यता है, भव्यता है, भक्ति है और ज्ञान है…

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यहां दिव्यता है, भव्यता है, भक्ति है और ज्ञान है…

हरि हरि केशवा,जपत महेशवा,कटत क्लेषवा,भजनवा से …. श्री राजेन्द्र दास जी महाराज के मुखारविंद से यह शब्द सुनकर भक्त भावविभोर हो जाते हैं। गढ़ाकोटा में सप्तदिवसीय भगवत भक्तमाल कथा का आयोजन दिव्यता से ओतप्रोत है। महान संत यहां उपस्थित हैं। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज के 7 दिसंबर को आने की प्रतीक्षा भक्त बेसब्री से कर रहे हैं। हर संत का यही स्वभाव कि वह दूसरे संत की महिमा का गुणगान कर और ज्यादा हर्षित हैं।
साग़र जिले के गढ़ाकोटा स्थित गोपाल जी खेल परिसर में आयोजित श्री भक्तमाल भगवत कथा के दूसरे दिवस में पूज्य व्यास गद्दी का पूजन कथा आयोजक अभिषेक भार्गव ने धर्मपत्नि शिल्पी भार्गव के साथ किया। कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव कैबिनेट बैठक में शामिल होने के लिए भोपाल गए हैं। पर शहर पूरी तरह से भक्तिमय है और  श्रोता राजेंद्र दास जी की वाणी सुनकर भक्तिभाव में डूबे नजर आते हैं। व्यास गद्दी से जगतगुरु, मलुकपीठाधीश्वर श्री राजेन्द्र दास महाराज ने कहा कि ठाकुर जी की लीला अपरंपार है। हरि-हरि केशवा, जपत महेशवा! कटत क्लेषवा,  भजनवा से ।। अर्थात परम् ब्रह्म हरि का नाम बोलने से संसार के सारे दुःख दूर हो जाते है।जैसे भक्त प्रह्लाद पर जब संकट आया तब भगवान राम ने नरसिंह का अवतार लेकर उनकी रक्षा की थी।
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भागवत धर्म की महिमा अनुपम है।इसलिए आज भी सन्तों की सभा में भगवान रसिक देव जू महाराज की रचनाएं गाई जाती हैं। राजेन्द्र दास जी ने व्यास पीठ की महिमा बताते हुए कहा कि जिस आसन पर बैठकर हम कथा सुना रहे है वह आसन पूज्य महामुनि आचार्य सुखदेव महाराज जी का है। यहां बैठकर भी परधन और परमन हरण का प्रभाव हमारे द्वारा किया गया तो व्यास गद्दी कलुषित हो जाएगी। इसके मान मर्यादा का सन्तों को ध्यान रखना आवश्यक है।आजकल तो सारे लोग एक दूसरे का झूठा भोजन करने में लगे हुए हैं। बफर सिस्टम का जमाना है। पहले के प्राचीन पद्धति में बैठकर पंगत करने दोना पत्तल में भोजन करने की परंपरा शनैः शनैः समाप्त हो गई है। हमारे वृंदावन धाम में आज भी अतिथियों को ऐसे ही सत्कार से भोजन कराया जाता है। भागवत कथा में मंत्री भार्गव सपरिवार जजमान बनकर अपने पूर्वजों को कथा श्रवण करा रहे हैं। साथ ही सैकड़ों जजमान भी बनाये गये हैं।
कथा के तृतीय दिवस में श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी का मंगल आगमन गढ़ाकोटा नगर में होने जा रहा है। दिव्य दर्शन और दरबार में हजारों भक्तजन शामिल रहेंगे, जिसकी विशेष व्यवस्थाओं में प्रशासन व्यस्त है। देर शाम की बेला में सुमधुर भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है। संकीर्तन की धुन से सारा नगर गुंजायमान हो रहा है। चारों ओर धर्ममय वातावरण बनता नजर आ रहा है। बुंदेलखंड के प्रमुख सन्त आचार्य भी गढ़ाकोटा पहुँच रहे है।
अब बात करें राजेंद्र दास जी महाराज की गौ संरक्षण और गौ‌ संवर्द्धन की। तो दूसरे दिन की कथा संपन्न होने के बाद वह वरिष्ठ पत्रकार और उनके शिष्य‌ देवदत्त दुबे के गांव दरारिया पहुंचते हैं और 6 दिसंबर 2022 को देवदत्त दुबे का पैतृक घर को उनके कर कमलों से गौशाला को समर्पित किया जाता है। तो ऐसे दिव्य संतों के सान्निध्य में गढ़ाकोटा शहर में दिव्यता है, भव्यता है, भक्ति गंगा बह रही है‌ और ज्ञान का सागर हिलोरें मार रहा है।