Three Friends Won Election : अल्पेश, हार्दिक और जिग्नेश पुराने दोस्त, एक साथ चुनाव जीते!

कभी तीनों BJP के खिलाफ थे, अब दो ने इसी पार्टी से चुनाव जीता!

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Three Friends Won Election : अल्पेश, हार्दिक और जिग्नेश पुराने दोस्त, एक साथ चुनाव जीते!

Gandhinagar : गुजरात की राजनीति का भविष्य अगले 5 साल तय हो गया। एक बार फिर यहां बीजेपी की सरकार बन गई। लेकिन, इस राज्य की राजनीति का सबसे दिलचस्प पहलू है कि यहां के तीन युवा तुर्क नेता अल्पेश ठाकोर, हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी एक साथ विधानसभा में पहुंच गए। ये बात अलग है कि इनमें से दो दोस्त एक पार्टी में और तीसरा अलग पार्टी में है।

विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो गए। बीजेपी को रिकॉर्ड तोड़ बहुमत मिला। इन चुनाव के तीन युवा नेताओं पर सबकी नजरें थी। हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी पिछले चुनाव में बीजेपी के लिए चुनौती बन गए थे। लेकिन, इस बार हालात गए। अल्पेश ठाकोर और हार्दिक पटेल ने बीजेपी का पल्ला थाम लिया और चुनाव लड़कर जीत भी गए। वहीं जिग्नेश कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते।

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हार्दिक पटेल वीरमगाम से चुनाव जीते
पाटीदार आरक्षण आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल ने चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। वे वीरमगाम सीट से चुनाव जीत गए। यहां उन्होंने कांग्रेस के मौजूदा विधायक लाखाभाई भरवाड और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमर सिंह अनादई ठाकोर को हराया। हार्दिक ने ‘आप’ के उम्मीदवार को 51,707 वोटों से हराया। वैसे ये सीट कांग्रेस की मजबूत सीट मानी जाती थी। पिछले दो चुनाव से लगातार यहां कांग्रेस जीती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका।

अल्पेश ठाकोर फिर विधायक बने
अल्पेश ने गुजरात क्षत्रिय ठाकोर सेना बनाकर शराब विरोधी आंदोलन से पहचान बनाई थी। अल्पेश ठाकोर बीजेपी के टिकट पर गांधीनगर (दक्षिण) सीट से चुनाव लड़े और जीत भी गए। अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस के हिमांशु पटेल को 43,064 वोटों से हराया।

जिग्नेश मेवानी भी फिर जीते
गुजरात में दलित राजनीति का चेहरा माने जाने वाले जिग्नेश मेवाणी ने कांग्रेस के टिकट पर वडगाम सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे, जहां से उनको जीत मिली। जिग्नेश मेवाणी ने 4928 वोटों से बीजेपी के मणिलाल वाघेला को हराया। मेवाणी 2017 में वडगाम सीट पर निर्दलीय विधायक बने थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें समर्थन किया था। जिग्नेश मेवाणी अब कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं और राहुल गांधी के करीबी नेता माने जाते हैं।