नर्मदा के नाभि कुंड के पास बह रही भक्ति की गंगा…

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नर्मदा के नाभि कुंड के पास बह रही भक्ति की गंगा…

इन दिनों प्रदेश में हरि नाम की गंगा बह रही है। लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव की नगरी गढ़ाकोटा में महान संत राजेंद्र दास जी महाराज का जिक्र हम कर चुके हैं। तो कृषि मंत्री कमल पटेल की नगरी और मां नर्मदा के नाभि कुंड के पास स्थित हरदा में भी सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हो रहा है। विश्व विख्यात कथा वाचिका पूज्यनीय जया किशोरी के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण हजारों धर्मावलंबी हर दिन कर रहे हैं। 7 दिसंबर से शुरू हुई कथा 13 दिसंबर को कन्या विवाह समारोह के साथ संपन्न होगी। कथा के तीसरे दिन 9 दिसंबर को जब कथा की शुरुआत श्री राम जी के भजन से हुई तो कथा श्रवण कर रहे मंत्री कमल पटेल और अरविंद भदौरिया भी झूम उठे। हरि भजन की यही तो महिमा है कि वहां फिर मंत्री या आम आदमी का भेद खत्म हो जाता है। वहां तो सभी हरि भक्ति में ओतप्रोत हो जाते हैं।
हरदा में प्रख्यात कथा वाचिका जया किशोरी के मुखारविंद से चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन ‘सीताराम सीताराम सीताराम कहिए जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए’ भजन पर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। इस भजन पर किसान नेता एवं कृषि मंत्री कमल पटेल और सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया झूम उठे। तो जया किशोरी ने श्रद्धालुओं को सचेत किया कि हमें ज्यादा मिठास और मिठास दिखाने वाले लोगों से सावधान रहना चाहिए। जब कोई व्यक्ति आपके नजदीक आकर आप से मीठी-मीठी बातें करता है तो समझ लीजिए कि कुछ दाल में काला है। और वैसा ही ज्यादा मीठा खाने वालों के साथ है, ज्यादा मिठास शरीर के लिए नुकसान देती है, इसलिए सतर्क रहें। शायद मीठी-मीठी बातों में आने वालों को इसका खामियाजा कभी न कभी भुगतना पड़ता है।
यह सच है कि कथा ज्ञान का असीम स्रोत होती है, जो हमें सफल जीवन के सारे मंत्र तो देती ही है और मंजिल पर पहुंचने के गुर भी सिखाती है। सुश्री जया किशोरी ने बताया कि प्रभु कृपा की प्राप्ति तभी होती है, जब आप एक कदम प्रभु श्री हरि की तरफ बढ़ाएं। आपका एक कदम आगे बढ़ता है, तो प्रभु चार कदम आगे आकर आपकी ओर चले आते हैं। शायद यही मंत्र जीवन में हर सफलता प्राप्त करने के लिए जरूरी है। यानि जीवन प्रबंधन की महत्वपूर्ण सीख श्रीमद्भागवत या दूसरे धार्मिक ग्रंथ हमेशा देते हैं, यदि हमारा मन-मस्तिष्क उन्हें ग्राह्य करने को तैयार हो। जया किशोरी की कथा तो ऐसी कि खाली कक्षा में पढ़ाई से काम नहीं चलेगा, होमवर्क भी मिल रहा है और दूसरे दिन उसकी जांच भी हो रही है। उद्देश्य यही कि सब ध्यान से कथा सुनें भी और उसे गुनें भी। ऐसा नहीं कि कथा सुनने आए और नींद पूरी कर घर वापस लौट गए।
तो एक सप्ताह तक हरदा धर्म गंगा की आगोश में है। जिसे पूर्ण भक्ति भाव से श्रवण कर रहे हैं कृषि मंत्री कमल पटेल और हरदा जिले के वासी। भक्ति आनंद में डुबकी लगाने और जीवन प्रबंधन के गुर सीखने में कमल पटेल कभी पीछे नहीं रहते। संघर्षमय‌ जीवन और प्रतिकूल परिस्थितियों में शायद इसीलिए वह कभी निराश नहीं होते और लक्ष्य हासिल कर ही लेते हैं। तो जब भी अवसर मिले, तब भक्ति भाव संग ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाना ही चाहिए और सीखना भी चाहिए ताकि बेहतर और सफल जीवन जीने का अवसर हाथ से न निकल पाए।