जेल डीआईजी ने सर्किल जेल में बंदी इनकमिंग टेलिफोन बूथ का किया लोकार्पण
रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
सर्किल जेल में बंदी इनकमिंग टेलीफोन बूथ का लोकार्पण जेल डीआईजी संजय पांडे ने किया। उन्होंने लगभग 2 घंटे तक उन्होंने जेल का निरीक्षण करने के साथ ही कैदियों से चर्चा कर उनकी समस्या सुनी।
डीआईजी से 20 से ज्यादा कैदियों ने अपने क्षेत्र के जेलों में ट्रांसफर करने की अपील की। इस पर पांडे ने जेल अधीक्षक एल.के. सिंह भदोरिया को प्रतिवेदन बनाकर भेजने के लिए कहा।
बता दें कि जेल डीआईजी पांडे वार्षिक निरीक्षण के लिए बुधवार को सर्किल जेल पहुंचे थे और उन्होंने शाम तक निरीक्षण कर कैदियों से चर्चा की।
डीआईजी ने जावरा और खाचरोद जेलों का भी निरीक्षण किया
इससे पहले उन्होंने खाचरोद और उसके बाद जावरा सब जेल का निरीक्षण किया।सर्किल जेल का निरीक्षण करने के बाद वे भोपाल के लिए रवाना हो गए थे।सर्किल जेल पहुंचते ही जेल गार्ड ने उन्हें सलामी दी।पुरुष व महिला जेल बैरक में जाकर उन्होंने कैदियों से चर्चा कर समस्या पूछी साथ ही सामूहिक रूप से उन्हें संबोधित किया।
भोजन की गुणवत्ता को परखा
इस दौरान उन्होंने भोजन के बारे में पूछते हुए उसकी भी गुणवत्ता को भी परखा।जेल परिसर में बनाए गए बंदी इनकमिंग टेलीफोन बूथ का लोकार्पण किया।इस दौरान जेल डीआईजी ने सहायक अधीक्षक,3 मुख्य प्रहरी,10 अन्य प्रहरी को पुरस्कृत किया।
डीआईजी को जेल अधीक्षक ने उद्योग और अस्पताल निर्माण का प्रस्ताव रखा
इस दौरान जेल अधीक्षक लक्ष्मण कुमार सिंह भदोरिया ने सर्किल जेल में नए उद्योग व अस्पताल निर्माण का प्रस्ताव जेल डीआईजी के समक्ष रखा। उन्होंने बताया कि सजायाफ्ता कैदियों के स्वावलंबी बनने के लिए जेल में उद्योग का निर्माण होना चाहिए। इसमें छोटे-बड़े उद्योग का निर्माण कर उनकी ट्रेनिंग कैदियों को दी जानी चाहिए,ताकि जेल से रिहा होने के बाद में स्वावलंबी बन पाए।साथ ही उन्होंने सर्किल जेल में एक अस्पताल बनवाने की भी मांग की।उन्होंने बताया कि शहर में मेडिकल कॉलेज होने के कारण जेल में भी अस्पताल होना चाहिए ताकि जिले व आसपास के 10 जेलों में कैदियों का उपचार यहां किया जा सके।
10 कैदियों ने मिलकर बनाया टेलिफोन बूथ
सर्किल जेल परिसर में टेलीफोन बूथ बनाया गया,जिसकी लंबाई 24 फीट और चौड़ाई 6 फीट है। इस बुथ को जेल के 10 कैदियों ने मिलकर तैयार किया है।इसको तैयार करने में 75 हजार रुपए का खर्च आया है। इस बूथ की सहायता से एक साथ 9 कैदी अपने परिवार के लोगों से सुबह 9:00 से दोपहर 2:00 बजे तक टेलीफोन पर बात कर पाएंगे। विचाराधीन कैदी सप्ताह में दो बार और सजायाफ्ता कैदी एक बार बात कर पाएंगे। बात करने का समय 5′ मिनट रहेगा। जिन कैदियों ने इसका निर्माण किया हैं उनका सम्मान जेल डीआईजी पांडे ने किया।
यह रहें मौजूद
इस दौरान सर्किल जेल अधीक्षक लक्ष्मण कुमार भदोरिया,सहायक जेल अधीक्षक बृजेश मकवाना सहित जेल स्टाफ मौजूद रहा।
देखिए वीडियो डीआईजी द्वारा टेलिफोन बूथ का शुभारंभ करते हुए