Big News: सरकार ने धर्म परिवर्तन को लेकर बनाये नए नियम
भोपाल:मध्यप्रदेश में अब आम नागरिकों को स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने का अधिकार होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता नियम बना कर लागू कर दिए है।
जो भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है उसे धर्म परिवर्तन के लिए उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को साठ दिन पहले सूचित करना होगा। इसके लिए उसे एक विधिवत घोषणा पत्र भरकर देना होगा। यदि कोई धर्माचार्य और अन्य कोई व्यक्ति जो धर्म परिवर्तन का आयोजन करना चाहता है तो उसे भी जिले के मजिस्ट्रेट को जहां ऐसा धर्म संपरिवर्तन संस्कार आयोजित किया जाना प्रस्तावित है ऐसे आयोजन से साठ दिन पूर्व उसकी सूचना देना होगा। जिला मजिस्ट्रेट को इस घोषणा, सूचना, घोषणाकर्ता अथवा सूचनाकर्ता व्यक्ति द्वारा स्वयं पहुंचकर दी जाएगी अथवा रजिस्ट्रीकृत डाक से या इलेक्ट्रानिक माध्यम से दी जा सकेगी। जिला मजिस्ट्रेट घोषणा या सूचना प्राप्त होंने पर इसकी पावती भी देगा।
जिला मजिस्ट्रेट माह के दौरान उसके द्वारा प्राप्त की गई घोषणा, सूचनाओं एवं जारी अभियोजन स्वीकृति की एक रिपोर्ट हर माह की दस तारीख तक राज्य सरकार को भेजेगा।
*घोषणा पत्र में यह जानकारी देना होगी-*
स्वयं की इच्छा से बिना किसी दबाव, प्रलोभन या प्रपीड़न के धर्म परिवर्तन के लिए आवश्यक अनुष्ठान करने की इच्छा प्रकट करने वाली घोषणा करना होगा। इसमें उस व्यक्ति का नाम जिसका धर्म परिवर्तित होना है। उसके पिता माता का नाम, उसका पता, आयु, जन्मतिथि, लिंग, अवयस्क की स्थिति में संरक्ष्क का पूरा नाम, पता, यदि वह अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का है तो ऐसी जाति का विवरण, उस स्थान का नाम जहां धर्मांतरण अनुष्ठान किया जाना है उसका पूरा पता, धर्म परिवर्तन किए जाने की तारीख, धर्माचार्य का नाम, योग्यता और अनुभव तथा पता भी बताना होगा।
जो धर्माचार्य धर्मांतरण कराएगा उसे भी जिला मजिस्ट्रेट को धर्म परिवर्तन के लिए मिलने वाली सूचना की पूरी जानकारी देना होगा। इसमें धर्म परिवर्तन कराने वाले व्यक्ति, उसके माता-पिता, आयु, पता, अनुसूचित जाति या जनजाति वर्ग की स्थिति में जाति का पूरा ब्यौरा देना होगा। धर्म परिवर्तन के लिए आयोजन स्थल, धर्माचार्य का नाम, योग्यता और पूरा पता देना होगा। इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट इसकी पावती देंगे।
*हर माह यह रिपोर्ट देना होगी-*
महीने के दौरान जिला मजिस्ट्रेट गृह विभाग को प्राप्त घोषणाओं की संख्या, सूचनाओं की संख्या, अध्यादेश के अधीन संस्थित अभियोजनों की संख्या, अभियोजन स्वीकृतियों की संख्या, शून्य घोषित विवाहों की संख्या, अध्यादेश की धाराओं का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं, संगठनों की संख्या, अध्यादेश के अधीन दोष मुक्तियों तथा दोष सिद्धियों की मास के दौरान संख्या की जानकारी देना होगा।