वर्ष 2022 का आखिरी विधानसभा सत्र…

आगामी विधानसभा सत्र में सदन में गूंजेगी नीति आयोग की रिपोर्ट और प्रदेश की गरीबी ...

वर्ष 2022 का आखिरी विधानसभा सत्र…

वर्ष 2022 का आखिरी विधानसभा सत्र आज यानि 19 दिसंबर 2022 से शुरू हो रहा है। सत्र से एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक हुई और तय‌ हुआ है कि जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में निर्बाध चर्चा होगी। पर पांच दिवसीय सत्र कितने दिन चल पाता है, सर्वाधिक महत्वपूर्ण यही है। विपक्षी दल की यही विशेष चिंता है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने चिंता जताई है कि एमपी का दुर्भाग्य है कि सदन की गरिमा गिरती जा रही है,साल भर में सिर्फ 32 दिन विधानसभा चली है। कटाक्ष भी किया कि यह सरकार नहीं सरकस चल रही है। शायद ऐसे ही कटाक्ष और भड़काऊ मुद्दे दोनों तरफ से आते हैं, जो सदन की गरिमा को गिराते हैं और सदन को अल्पायु बनाने में महती भूमिका का निर्वाह करते हैं।
खैर मध्य प्रदेश की पंचदश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार, 19 दिसंबर 2022 से प्रारंभ होकर शुक्रवार 23 दिसंबर 2022 तक चलेगा। इस पांच दिवसीय सत्र में सदन की पांच बैठकें होंगी। यहां पर दिमाग में यह रखना जरूरी है कि यह बात ‘टर्म्स एंड कंडीशंस एप्लाई’ के साथ लागू होती है। जो बाजार के उत्पादों में बहुत छोटे, न पढ़ सकने वाले अक्षरों में अंकित रहता है। जन हित का मुद्दा जब पूरी तरह दल हित में बदलने लगता नजर आता है तो सत्ता पक्ष भी स्वहित में फैसला लेने को बाध्य हो जाता है। और इसकी परिणति सदन की आयु को अल्प बनाने के रूप में सामने आती है। अब सदन का उपयोग यदि दोनों ही प्रमुख दलों की तरफ से जन-जन के मुद्दों पर केंद्रित हो, तो शायद सदन दीर्घायु होने का वरदान पा सके।
कई बार तो सदन भी सोचता होगा कि कोरोना काल के वह दिन शायद बेहतर ही थे, जब सदन की कार्यवाही प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा जी के हवाले थी और कागजों पर ही पक्ष-विपक्ष बैठकों की औपचारिकता पूरी करने को सब खुशी-खुशी सहमत थे। मीडिया पर पाबंदी लगी थी। उस दौर में कम से कम पूरी आयु जीने की इच्छा लिए अल्पायु होने को अभिशप्त तो नहीं होना पड़ता था। पर क्या करें, जो पक्ष-विपक्ष को मंजूर, वही सदन की तकदीर है। सो देखते हैं कि पंचदश विधानसभा का त्रयोदश सत्र पांच दिन की अपनी उम्र पूरी जी पाता है या नहीं…। हालांकि सदन को भी यह मालूम है कि सरकार का कोई काम नहीं रुकेगा और विपक्ष को भी कोई रंज होने वाला नहीं है। सदन के रिकार्ड में अल्पायु होने का जिक्र जरूर होता रहेगा…और यह भी देखने वाली बात होगी कि शीतकाल में सदन में जनहित के मुद्दों पर गर्माहट दिखती है या गैर जनहित के मुद्दों पर गर्माहट उसे अल्पायु बनाने में सफल होंगे।
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कौशल किशोर चतुर्वेदी

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के जाने-माने पत्रकार हैं। इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में लंबा अनुभव है। फिलहाल भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र एलएन स्टार में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले एसीएन भारत न्यूज चैनल के स्टेट हेड रहे हैं।

इससे पहले स्वराज एक्सप्रेस (नेशनल चैनल) में विशेष संवाददाता, ईटीवी में संवाददाता,न्यूज 360 में पॉलिटिकल एडीटर, पत्रिका में राजनैतिक संवाददाता, दैनिक भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ, एलएन स्टार में विशेष संवाददाता के बतौर कार्य कर चुके हैं। इनके अलावा भी नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित विभिन्न समाचार पत्रों-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन किया है।