नदी, पहाड़ भी न रोक सके इनकी राह, इनके जज्बे व जुनून ने ही पहुंचाया covid vaccination 1 अरब के पार
आलीराजपुर से कमलेश नाहर की रिपोर्ट
आलीराजपुर: पूरा देश में कोविड वेक्सिनेशन(covid vaccination) का आंकड़ा 100 करोड़ पार हो जाने का जश्न मना रहा है। यह हिमालयी मुकाम यूँ ही नहीं हासिल हो गया। यहां तक पहुंचने के लिए अनेक हेल्थ वर्करों ने अपना जज्बा व कर्तव्यपरायणता दिखाई है।
हम आपको मिलवाते हैं ऐसी ही एक समर्पित एएनएम रीना राय सेंगर से। रीना आलीराजपुर के ककरना उपस्वास्थ्य केंद्र में एएनएम है। नर्मदा किनारे ये डूब क्षेत्र में बसे गांव हैं।
पानी भरा होने के चलते वहां तक पहुंचना बहुत मुश्किल है। ऐसे में टिकाकरण के लक्ष्य हासिल करना बेहद मुश्किल था।
रीना ने इसे चुनौती के रूप में लिया। कभी वो पहाड़ को लांघते हुए तो कभी बोट में बैठकर उन गांवों तक पहुंची। ऊबड़खाबड़ पहाड़ को पार करने में कई बार चोट भी लगी।
उन्हें 1929 टीके लगाने का लक्ष्य मिला। रीना ने 1909 टीके लगा दिए। उनके इस जज्बे की केंद्र सरकार ने भी तारीफ की है।
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लोगों को समझाना था बेहद मुश्किल
रीना बताती है शुरुआत में जब हम गांव में टीके(covid vaccination) लगाने जाते थे तो ग्रामीण हमें देख अपने घर पर ताले लगाकर भाग जाते थे। कई तो घर खुला छोड़ खेतों में जाकर छिप जाते थे।
रीना कहती है एक मर्तबा तो ऐसा हुआ जब हम ग्रामीण के घर में गए तो देखा वहां जलते चूल्हे पर खाना बन रहा था, लेकिन आसपास कोई नहीं था।
ग्रामीणों को रोज-रोज समझाने पर भी वह टीका लगवाना(covid vaccination) नहीं चाहते थे। इस पर हमने सरपंच व गांव के शिक्षकों की मदद ली। सरपंच-शिक्षकों ने समझाया। इसके बाद कुछ लोग राजी हुए।
कर्तव्य के साथ निभाया माँ का भी फर्ज
मूल रूप से बड़वानी की रहने वाली रीना वर्तमान में सोंडवा में रहती है।
उपस्वास्थ्य केंद्र ककराना से करीब एक किमी पैदल चलने के बाद नदी किनारे पहुंचती थी। यहां से वह बोट में सवार होकर गांव आती थी। इस दौरान उसे करीब छह किमी का सफर करना पड़ता था।
एक घंटे पानी से होकर गुजरती तो फिर डेढ़ से दो किमी जंगल, पथरीले रास्ते और पहाड़ियों से जाना पड़ता था। रीना के दो बच्चे हैं। कई बार बेटा जिद करता तो उसे भी साथ लेकर कार्यस्थल पर जैसे-तैसे पहुंचती थी।