Who Opened Closed Factories : बिना आदेश के चालू हो गईं भांग बंद मुनक्का फैक्ट्रियां!
इंदौर से गोविंद राठौर की रिपोर्ट
Indore : प्रशासन के निर्देश पर आबकारी विभाग ने 19 सितम्बर को शहर की भांग मिश्रित मुनक्का गोलियां बनाने वाली फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए महेश अग्रवाल, हीरालाल पंजवानी, लता मेहता व अन्य द्वारा संचालित 15 इकाइयों के लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। लेकिन, गुपचुप तरीके से आबकारी अधिकारियों के संरक्षण में तीन मुनक्का फैक्ट्रियों को अवैध तरीके से फिर चालू कर लिया गया। जबकि, तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने कार्रवाई करते हुए इंदौर शहर की सभी भांग मुनक्का फैक्ट्रियों को बंद कर दिया था। साथ ही भांग माफिया मुजाहिद खान उर्फ मंजूर को रासुका में निरुद्ध कर जेल भेज दिया था।
इस बारे में एक शिकायतकर्ता ने बताया कि बंद फैक्ट्रियां खोलकर मुनक्का बनाए जाने की जानकारी देने के लिए आबकारी उपायुक्त मनीष खरे को फोन लगाया था। उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके बाद आबकारी अधिकारियों को फोन पर सूचना दी गई, तो दो घंटे तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद सर्कल इंस्पेक्टरों को फोन लगाया तो उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।
इसके आधे घंटे बाद कंट्रोलर राजीव मुद्गल का फोन आया कि आप कहीं फोन मत लगाओ, हम टीम भेज रहें है। लेकिन, टीम नहीं भेजी गई और अवैध मुनक्का फैक्ट्री से कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया गया। जानकारी के अनुसार फोन करके अवैध तरीके से चलाई जा रही भांग मुनक्का फैक्ट्री संचालकों को फ़िलहाल काम बंद करने को कहां गया।
बिना आदेश के फैक्ट्रियां चालू
शहर की भांग मुनक्का फैक्ट्री दोबारा चालू हो गई, जबकि इन फैक्ट्रियों को चालू करने के संबंध में सहायक आबकारी आयुक्त कार्यालय को आयुक्त कार्यालय से कोई आदेश ही नहीं मिला। ये फैक्ट्रियां उन फर्मों में से हैं, जिन्हें तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने 19 सितंबर को कार्रवाई करके बंद कर दिया था। जानकारी के अनुसार इन फैक्ट्रियों को दोबारा चालू करवाने में आबकारी विभाग का हाथ है।
जानकारी अनुसार भांग माफिया मुजाहिद खान उर्फ मंजूर द्वारा खासा दखल दिया जाने के बाद भांग मुनक्का फैक्ट्रियों को दोबारा गुपचुप तरीके से चालू किया गया है। मंजूर के खास माने जाने वाले गुर्गे दीपक गुरनानी और राहुल धनोतिया ने आबकारी विभाग और फैक्ट्री संचालकों के बीच मध्यस्थता करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भांग खपत बढ़ाने वाली फैक्ट्रियां बंद
हैरानी की बात यह कि हाल ही में पांच फैक्ट्रियों के संचालकों ने आबकारी आयुक्त से भोपाल में मुलाकात कर भांग की खपत बढ़ाकर उनकी फैक्ट्रियां दोबारा चालू करने की मांग की थी। लेकिन, इन फैक्ट्रियों को चालू करने में आबकारी अफसरों ने कोई रूचि नहीं दिखाई। लेकिन, कुछ अवैध फैक्ट्रियों को गुपचुप तरीके से आबकारी विभाग के सर्किल इंस्पेक्टर ने अवैध तरीके से दोबारा चालू करवा दिया।
इसलिए बंद की गई थी फैक्ट्रियां
तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर प्रभारी सहायक आयुक्त आबकारी एवं अपर कलेक्टर राजेश राठौड़ ने भांग की गोलियां और मुनक्का बनाने वाली सभी 15 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जब फैक्ट्री संचालकों की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो राजेश राठौड़ ने सभी 15 इकाइयों के लाइसेंस निलंबित कर दिए।
इन 15 इकाइयों के लाइसेंस निलंबित
सितंबर में कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त कलेक्टर राजेश राठौड़ ने जानकारी दी थी कि जिन इकाइयों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं उनमें महेश अग्रवाल द्वारा संचालित मीनार फार्मा (काला घोड़ा मुनक्का), हीरालाल पंजवानी द्वारा संचालित विश्वास सेवा सदन (मस्तान मुनक्का), मेहता आयुर्वेदिक संस्थान (सनन मुनक्का), लता मेहता द्वारा संचालित, नरेंद्र सिंह सोलंकी द्वारा संचालित माहेश्वरी मुनक्का मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, शुभम राठौर और साहित्य मिश्रा द्वारा संचालित धनश्री उत्पाद, अनूप कुमार गुरबानी द्वारा संचालित अटल मुनक्का और मनभावन मुनक्का, रमेश वैष्णव द्वारा संचालित वैष्णव आयुर्वेदिक फार्मेसी, लोकेंद्र गर्ग द्वारा संचालित एसएस मुनक्का भंडार, गौरव वासैनी द्वारा संचालित मैसर्स शिवम मार्केटिंग, गोपाल धनोतिया द्वारा संचालित तरंग फार्मा, रतनलाल वैष्णव द्वारा संचालित शुक्ल आयुर्वेदिक फार्मेसी, राजेश पंवार का वर्धमान उद्योग, नाथूलाल पंवार और हसन अली द्वारा संचालित और कादर भाई की भागीदारी फर्म पर कार्रवाई की गई थी