Corona Astrology Predictions : भारत में कोरोना फैलने के आसार नहीं, ज्योतिष अनुमान!

केतु तुला राशि में, इस राशि में केतु किसी असाध्य बीमारी को जन्म नहीं देते! 

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Corona Astrology Predictions : भारत में कोरोना फैलने के आसार नहीं, ज्योतिष अनुमान!

New Delhi : दुनिया में कोरोना की चौथी लहर चल पड़ी है। चीन से अमेरिका तक लगातार नए मरीज सामने आ रहे हैं। भारत में भी नई लहर का अनुमान लगाया गया है। लेकिन, देश में जिस तरह की सरकारी सजगता दिखाई दे रही और वैक्सीनेशन हुआ है, उससे कोरोना लहर के प्रभावी होने की आशंका दिखाई नहीं दे रही। ज्योतिष जानने वालों का भी अनुमान है कि ग्रह-नक्षत्रों के मुताबिक भी देश में कोरोना फैलने की आशंका नहीं है।

ज्योतिष आकलन के अनुसार, कोरोना का पहला मामला 2019 में चीन में आया था। इसके बाद पूरी दुनिया ने इस माहमारी को भोगा। अब एक बार फिर चीन में लाखों लोग इससे प्रभावित हैं। भारत में भी सरकार ने इसके नियंत्रण के लिए कदम उठाना शुरू कर दिए।तब कैसे थे ग्रह-नक्षत्र जब कोरोना फैला!

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देखा गया कि कोरोना सबसे पहले चीन में फैला। दिसम्बर 2019 में जो सूर्य ग्रहण हुआ तब धनु राशि में 6 ग्रह विराजमान होकर किसी बड़े विनाश का संकेत दे रहे थे, जिनका एक साथ आना सच साबित हुआ। सूर्य, चंद्रमा, बुध, गुरु, शनि और केतु धनु राशि में विराजमान होकर भारत की कुंडली के अष्टम भाव में बैठे थे, उससे देश पर भारी विपदा आई। तब राहु मिथुन में और केतु वृश्चिक में था। केतु को ज्योतिष में वायरस का कारक माना गया है।

आशय यह कि एक ऐसी बीमारी का फैलना, जिसका समाधान होने में लम्बा समय लगता है। ज्योतिष का के सूत्र के मुताबिक, केतु जनित रोग गुरु की कृपा से ही ठीक होता है। उस समय गुरु ग्रहण योग में पीड़ित था और बाद में 13 महीने अपनी नीच राशि में होने के कारण उसका प्रभाव उत्पन्न नहीं हुआ। देश की जनता को कष्ट हुआ था। शुक्राचार्य के पास अमृत विद्या है यानी की शुक्र ग्रह आपको मरने से बचा लेता है। उस समय राहु शुक्र के षडाष्टक योग ने तबाही मचाई। यानी कि सभी ग्रह विपरीत होकर विश्व के लिए एक बड़े संकट का कारण बन गए।

 

अभी के ग्रह नक्षत्रों का अनुमान

भारत की कुंडली के अष्टम भाव में सूर्य, शुक्र और बुध विराजमान होकर किसी बड़ी विपदा का इशारा कर रहे हैं। इस समय राहु मेष राशि में विराजमान होकर आत्मा कारक सूर्य को पीड़ित कर रहा है। लेकिन, जीव कारक गुरु इस समय अपनी ही राशि में मार्गी होने से जीव को संकट प्रतीत नहीं हो रहा।

केतु तुला राशि में है और इस राशि में केतु किसी नई और असाध्य बीमारी को जन्म नहीं देते। छठे भाव में केतु का गोचर बीमारी के जल्दी खात्मे की ओर संकेत करता है। इसलिए केतु के तुला में आते ही वैक्सीन के कार्यक्रम में तेजी आई। अगर संकट की बात करें तो 17 जनवरी से गुरु पाप कर्तरी योग में होंगे। यानी गुरु के आगे राहु और पीछे कुंभ में शनि होंगे। इसके अलावा फरवरी में सूर्य शनि युति जनता को कष्ट देगी।

 

संकट आएगा, पर टल जाएगा

शनि जब बलवान होते हैं, तो सूर्य जो की सत्ता का कारक है उसे संकट में डालते हैं। ग्रहों की चाल और भी कष्टकारी होगी, जब गुरु मेष राशि में राहु के साथ विराजमान होकर शनि की नीच दृष्टि से दृष्ट होंगे। अप्रैल के बाद का समय थोड़ा कठिन है। लेकिन, राहु के प्रभाव के कारण जनता अफवाह में अधिक यकीन करेगी। उस समय जनता झूठे लोगों के आश्वासन में आएगी। कोरोना की वापसी से इंकार नहीं किया जा सकता है लेकिन इतना भी तय है कि बड़ा संकट सरकार और जनता के सहयोग से टल जाएगा। इसलिए कहा जा सकता है कि ज्योतिष अनुमानों के मुताबिक भी कोरोना की चौथी लहर देश में प्रभावी नहीं होगी, पर फिर भी सुरक्षा रखना जरुरी है।